(NEWS) पूरी दुनिया में कहीं नहीं कालिंजर जैसा दुर्ग : डीआईजी विजय कुमार

पूरी दुनिया में कहीं नहीं कालिंजर जैसा दुर्ग

बांदा। आयुक्त कैंप कार्यालय के मयूर भवन में हुई गोष्ठी में कालिंजर को विश्व धरोहर के मानचित्र में लाए जाने के लिए सम्मिलित प्रयास पर जोर दिया गया। प्राकृतिक संपदा और धार्मिक, एतिहासिक, पौराणिक स्थलों की जानकारी के लिए पर्यटन पुस्तिका के प्रकाशन की बात कही गयी।
गोष्ठी में गोरखपुर के डीआईजी विजय कुमार ने कहा कि कालिंजर का इतिहास बहुत पुराना है। शैलचित्र बहुत ही ज्यादा संख्या में है। बांदा इस मामले में बहुत ही समृद्धिशाली है। कालिंजर जैसा दुर्ग दुनिया में कहीं नहीं है। यहां की सांस्कृतिक धरोहर को ऊपर उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि दूरदराज से आने वाले पर्यटक इसके इतिहास को जान सकें। कालिंजर को विश्व धरोहर मानचित्र में लाने के लिए सभी के सम्मिलित प्रयास की आवश्यकता है। सभी का अच्छे सोच की जरूरत है। कालिंजर निश्चित ही विश्व मानचित्र में आ सकेगा। बुंदेलखंड के धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक स्थलों के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से एक पर्यटन पुस्तिका का प्रकाशन कराया जाए ताकि हर आदमी को यहां की धरोहर के विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल हो सके।
चित्रकूटधाम मंडल के डीआईजी प्रभात कुमार ने कहा कि कालिंजर दुर्ग को विश्व मानचित्र में लाए जाने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है। यदि यह योजना कार्यरूप में परिवर्तित हो जाए तो निश्चित ही बुंदेलखंड का ज्यादा से ज्यादा विकास हो सकेगा।
अपर आयुक्त सुखलाल भारती ने कहा कि सभी को एक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है तभी इसका विकास संभव है। उन्होंने भारत सरकार को भेजी गई योजना के संबंध में भी प्रकाश डाला। पुलिस अधीक्षक डॉ. केएस प्रताप कुमार ने कालिंजर में सभी को पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया। समाजसेवी बीडी गुप्ता ने भी कालिंजर के इतिहास पर विस्तृत व्याख्या दी।
डॉ. सतीश चंद्र भट्ट, मुख्य कोषाधिकारी डॉ. केएस भारतीय, अरविंद छिरौलिया, पूर्व मंत्री जमुनाप्रसाद बोस, हारिश जमा, राधाकृष्ण बुंदेली, सत्यनारायण त्रिपाठी आदि ने विचार व्यक्त करते हुए कालिंजर दुर्ग के इतिहास और पौराणिकता पर प्रकाश डालते इसे विश्व मानचित्र में लाये जाने के विषय पर जार दिया। इस मौके पर वीरेद्र कुमार 'पप्पू जी', पूर्व डिप्टी कलेक्टर एसएन त्रिवेदी उपस्थित रहे। संचालन बीडी गुप्ता ने किया।

Courtesy: Jagran