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Bundelkhand

यहाँ सरकार ही खनन माफिया है ....

अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चला रही ट्रेनी IAS दुर्गा शक्ति नागपाल को अपनी ईमानदारी की सजा मिली है। दुर्गा नागपाल को प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। 10 दिन पहले ग्रेटर नोएडा में SDM के पद पर तैनात की गई दुर्गा को काम में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया गया है..आपको बता दें कि ये वहीं दुर्गा शक्ति नागपाल है जिन्होने यमुना नदी में अवैध तरीके से बालू का खनन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करते हुए कई जगह छापेमारी की थी और दो दिन में 24 से ज्यादा डंपर पकड़े थे... हालांकि, खनन स्थलों पर दर्जनों की संख्या में डंपर थे, लेकिन एसडीएम की गाड़ी को देखकर ज्यादातर चालक डंपरों को लेकर भागने में कामयाब रहे। एसडीएम दुर्गा ने हिम्मत दिखाते हुए डंपरों के पीछे अपनी कार दौड़ाई और डंपरों को जब्त कर लिया था।

जब अवैध खनन माफियाओं की हमने पड़ताल की तो पता चला कि अवैध खनन का काम शाम सात बजे से रात्रि बारह बजे तक और तड़के तीन बजे से सुबह आठ बजे तक ज्यादा होता है। बड़ी संख्या में लोग कारों में हथियारों से लैस होकर कौंडली, बादौली, कामबख्सपुर, घरबरा और मुरस्दपुर गांवों में पहुंचते हैं और यमुना से बालू निकालते हैं। ये गोरखधंधा सिर्फ बरसात के दौरान ही रुकता है। बारिश बंद होते ही बड़ी संख्या में डंपर, ट्रेक्टर ट्राली और जेसीबी मशीन फिर से यमुना के अंदर पहुंच जाते हैं।

दुर्गा शक्ति नागपाल 2009 बैच की पंजाब कैडर की IAS ऑफिसर हैं.... दुर्गा 2011 के यूपी कैडर के IAS ऑफिसर अभिषेक सिंह के साथ शादी होने के बाद यूपी में शिफ्ट हुई थी।

वर्ष 2011 में उत्तर प्रदेश के खनिज निदेशक राम बोध मोर्य के माध्यम से सभी जिलाधिकारियो को प्रशासनिक पत्र जारी कर अपने – अपने इलाके में माफिया को चिन्हित कर उनके नाम की सूचीसरकार को प्रेषित करने की कागजी कार्यवाही की गई थी | खास कर खनन माफिया के लिए यह फरमान ही जारी हुआ था लेकिन आज तक उत्तर प्रदेश के किसी भी जिले से यह कार्य जिलाधिकारी ने नही किये | सभी खनिज और जिलाधिकारी कहते है किमाफिया को नाम के साथ घोषित करने का काम पुलिस विभाग का है | और सच यह है कि पुलिस वाले / पुलिस कप्तान खनन माफिया को शरण देते है | यहाँ तक कि उनके ओवर लोडिंग ट्रको को शहर से बिना रोक – टोक निकलवाने में वे सारथी की  भूमिका में होते है | अब ऐसे में क्या सरकार के इस पत्र के कोई मायने रह जाते है जब सब एक – दूसरे के पीला में गेंद डाल रहे हो | जिन राम बोध मोर्य ने ये पत्र जारी किया था आजकल वे भी पूर्व बसपा सरकार के मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी मने जाते थे | यह खनिज निदेशक भी लखनऊ में लैकपेड और खनन घोटाले में जेल में है | कितना अजीब परिद्रश्य है की जो माफिया को चिन्हित करने की बात और अधिकारी को लिखता है वो ही दबंग मंत्री और बालू,पत्थर माफिया का हिमायती भी होता है | कैसे मिलेगा इन हालातो में एक निर्भीक अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल को मुकम्मल इंसाफ जब इंसाफ की देवी हो आँखों में पट्टी चढ़ाये बैठी हो ?

बाँदा जिले की तिंदवारी विधान सभा से निर्वाचित कांग्रेस विधायक जिला फतेहपुर में आजकल बालू का कारोबार कर रहे है, पहले भी ये नामी खनन ठेकेदार रहे है और अब तो विधायक के साथ ठेकेदार है|

इन्ही के हमकदम रहे बाँदा के Sirajdhwaj Singh वर्तमान में सबसे बड़े सिंडीकेट माफिया है बालू और पत्थर के | सरकार चाहे जिसकी रहे नदियों को लूटने का काम ये ही करते है लेकिन इनके नाम से कोई ठेका या लीज नहीं होती | अपने पेटी ठेकेदार खड़े करके चलता है खनन का काला कारोबार |

By :- आशीष सागर