डा. हरि सिंह ग़ौर ने किया सागर वि.वि. रूपी शिक्षा दीप से बुंदेलखण्ड का समग्र विकास


डा. हरि सिंह ग़ौर ने किया सागर वि.वि. रूपी शिक्षा दीप से बुंदेलखण्ड का समग्र विकास


सागर विश्व विद्यालय के संस्थापक डा. हरि सिंह गौर की आज 145 बीं जन्म जयंति है। हम सभी आज उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हैं। डॉ॰ हरिसिंह गौर सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान शिक्षाशास्त्री, ख्यातिप्राप्त विधिवेत्ता, न्यायविद्, समाज सुधारक, साहित्यकार (कवि, उपन्यासकार) तथा महान दानी एवं देशभक्त थे।

वह बीसवीं शताब्दी के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मनीषियों में से थे। डा. गौर दिल्ली विश्वविद्यालय तथा नागपुर विश्वविद्यालय तथा सागर वि.वि. के उपकुलपति रहे। डा. गौर भारतीय संविधान सभा के उपसभापति, साइमन कमीशन के सदस्य तथा रायल सोसायटी फार लिटरेचर के फेल्लो भी रहे थे।

सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक, उप कुलपति आजीवन इसके विकास व सहेजने के प्रति संकल्पित रहे। उनका स्वप्न था कि सागर विश्वविद्यालय कैम्ब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड जैसी मान्यता हासिल करें। इस वि.वि. को सागर में एक पहाड़ी पर स्थापित किया गया। जहां का वातावरण प्रदूषण रहित बहुत ही सुंदर, रमणीय है। शिक्षा तथा स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकूल है।

डॉ॰ सर हरीसिंह गौर एक ऐसा विश्व स्तरीय अनूठा विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना एक शिक्षाविद् के द्वारा दान स्वरूप की गई थी। उन्होने शिक्षा के द्वारा सामाजिक उत्थान का कार्य किया। सागर तथा पूरे बुंदेलखण्ड के विकास पर सागर वि.वि. की छाप पड़ी। उनके इस महान कार्य का लाभ हम सभी को मिला। हम सब उनके ऋणी हैं। आज हम उन्हें नतमस्तक होकर प्रणाम करते हैं।

भवदीय
डा. विवेकानंद जैन
उप ग़्रंथालयी, केन्द्रीय ग़्रंथालय,
काशी हिंदू विश्व विद्यालय, वाराणसी – 221005
मो. 94505 38093