प्रधानमंत्री जी को बुन्देलखंड से पत्र


प्रधानमंत्री जी को बुन्देलखंड से पत्र


आदरणीय प्रधान मंत्री जी

.अब आप के सामने कौन नहीं बोल सकता है वह है निकता -लेकिन अपने गाँव की बच्चो की टोली में वह बोल गयी थी कि मेरी माँ मुझे माँ केवल रोटी नमक देती है .मुझे अच्छा भोजन चाहिए स्कूल चाहिए. नीतिका की माँ उसके जीवन में अच्छा भोजन नहीं दे सकी अगले ही दिन नीतिका खाना बनाते समय जल गयी, कल जानकारी मिली कि लगभग ८ वर्ष की निकिता जो स्वरूप रानी मेडिकल कालेज में जीवन म्रत्यु से जूझ रही थी उसे म्रत्यु ने कल स्वीकार कर लिया ?बुंदेलखंड चित्रकूट बरगढ़ के विन्ध्य श्रंखलाओ में में रहने आदिवासी समुदाय में इतनी गरीबी है कि वे शरीर से एक दुसरे की मदद कर सकते है किन्तु धन से नहीं .इस गरीब समाज में गाँधी जी के ११ वृतो में एक व्रत असंग्रह दिखता है . क्यों की कमाने के अवसर ही समाज में बहुत कमजोर है .निकिता को यह रास्ट्र /समाज /राज नैतिक दल /सामाजिक लोग सभी क्यों स्वीकारकरेगे ? तभी तो म्रत्यु ने स्वीकार कर लिया ?यंहा की महिलाये गाती है कि< का सुख जानी सरकार तुम्हार ----???

भारत की सामाजिक शिक्षा की दिशा देश को विकसित करने के नाम पर जो बदली गयी ही उसका परिणाम है कि गरीब समाज को कोई ध्यान से सुनना ही नहीं चाहता .आज सरकार किसकी सुनवाई जल्दी करती है? युवाओ को, लोगो को मालूम होगया है कि सरकार विजय माल्या कि , अम्बानी की और वाल मार्ट की ही सुनती है क्यों? इसीलिए न कि पैसे से ही आदमी चलता है ? आप स्वयम बड़े अधिकारी से प्रधान मंत्री बने है. यह हो सकता है कि आपको इसका अंदाजा न हो कि आदमी बिना धन के भी चलता है ? आदमी कोई वस्तु नहीं है, मशीन नहीं है जो पैसो से जिन्दा रह सकता है ? आदमी को जिन्दा रहने के लिए भोजन पानी हवा जरुरी है ?जिसे विकास के नाम पर आदमी से छीन लिया गया है.देश की सरकारे लगातार अग्रेजो की तरह है काम कर रही है जैसे उद्द्योग धंधो को नष्ट करना जंगलो को नष्ट करना खनिज को नष्ट करना यंहा तक की गाँव में चलने वाली पंचायतो के स्वरूपों को विकृत कर अपने अधीन चलाना?सभी जगह पैसे का ही स्वागत है . बिजली विभाग वही रोशनी देगा जन्हा से राजस्व अधिक आ रहा है ?हमारे बुंदेलखंड से आपको राजस्व नहीं मिल रहा. इसीलिए आदिवासी क्षेत्रो में न तो अस्पताल है न ही डाक्टर है. छोटी सी बीमारी में बिना दवाई के कुच्छ वर्ष पूर्व निकता के पिता को असमय में म्रत्यु ने स्वीकार कर लिया ? बीमार माँ निकता को भोजन, स्कूल देने में असहाय रही तो निकता को म्रत्यु ने लील लिया ?आप को इस फेस बुक के माध्यम से बाल आवाज सुनवाई से अवगत कराया था . लेकिन आपके यंहा से कोई कार्यवाही नहीं हुई . आप को महसूस करना चाहता हु कि समाज प्यार से चलता है .उदहारण के साथ अपनी बात बड़ी विनम्रता से रख रहा हू . १९८५ में राजीव जी ने निकता के गाँव कलाचिहा बरगढ़ को विकसित करने का स्वपन देखा था. वह निर्दोष व्यक्ति थे.निकिता के गाँव के लिए बरगढ़ ग्लाश फैक्ट्री की आधारशिला स्वयम अपने हांथो से रखी थी , श्रीमती सोनिया जी साथ में थी. आज वह शाक्षी है .

एशिया की इस सबसे बड़ाई फैक्ट्री में उस समय बड़ी जोरो केसाथ काम लगा .अरबो रुपये खर्च हो गए , निकिता के पिता सहित गाँव के सभी भूमि धारकआदिवासियों की जमीने अधिग्रहित हुई. आज तक कुच्छ लोगो को मुवावजा नहीं मिला . बहुत मुवाजे ने उनकी पहचान छीन ली .लेकिन फैक्ट्री प्रारम्भ ही नहीं हुई. कितना बड़ा मजाक हुवा है इनके साथ . जिन घरो में उनकी जमीने ३-४ महीने का अनाज देदेती थी आज वह जमीन से विहीन है ,उनकी जमीने बंजर पड़ी है कुच्छ भी पैदा नहीं हो रहा आजादी के बाद से सरकारों ने आदिवासियों से इनका जंगल छीना इनकी भूमि भी छिनी .अब आपने मात्र १०० दिन का रोजगार थमा दिया .वह भी भ्रष्ट सरकारी विकास विभाग पंचायतो में इन्हें काम भी नहीं दिला पा रहा ?टी बी से परेशान परिवार भी है .लेकिन इसके बाद यह समाज जिदा है ? स्मार्ट कार्ड लाल कार्ड भी बड़े लोगो को सरकारी लोगो ने उपलब्ध कराये है इसका भी उसका भी लाभ नहीं मिला. इसके बाद भी इनका जिन्दा रहना इनकी सामूहिक ताकत का परिणाम है .

अतः समाज धन से नहीं चलता है . यह उदहारण है. आप सोनिया जी को यंहा भेजिए . उन्होंने गुलाबी गैंग को भेजा था लेकिन चुनाव के बाद वह भी गायब है . आपकी सरकार का कोई भी प्रतिनिधि नहीं जैसे सभी के प्रतिनिधि नही है - अब आगे कोई निकिता न मरे इसके लिए सोचिये ?

मेरे विचार से निम्न काम ततकाल शुरू कराये -

१ - आदिवासियों का जो जंगल ६० सालो में बर्बाद किया है उसे वापस लाने में मद करे.
२- आप यंहा पर कम्पनी मत भेजिएगा.यंहा दुध हवा पानी की फैक्ट्री आदिवासियों के द्वारा लगायी जाय .
३- ग्लास फैक्टरी की भूमि में आदिवासी हुनर विश्व विद्यालय खुलवाया जाय जिसकी प्रबंध समिति में यंहा का मजदूर व् कामगार समाज है
४- वन विभाग से महाराजा गाँव सभा की भूमि को वापस करे तथा वन प्रबंधन समितियों को सरकारी तंत्रों से मुक्त कराया जाय .
५- पंचायतो को स्वतन्त्र करते हुवे गाँव के युवाओ को योजना निर्माण में दक्ष बनाया जाय और प्रत्येक गाँव की ५ वर्ष की योजना तैयार की जाय .
६- गाँव में बने बाल कोषो में सरकार आपत्कालीन मद देकर उन्हें ताकत दे ताकि बच्चो महिलाओ को समय से इलाज मिल सके .
७ - बाल रक्षा समिति के माध्यम से एम्बुलेंस सुविधा चलाई जाय .तथा यंहा एक पी एच सी स्थापित की जाय .
८ - अनाथ तथा अतिगरीबी में जीने वाले बीमार कुपोषित वंचित बच्चे जिनकी संख्या अधिक नहीं है उन्हें सरंक्षित करने विशेष मदद की रूप रेखा पर काम शीघ्र प्रारम्भ हो . आप की पहल हम आपको उनकी प्रोफाइल देगे.

आप से अनुरोध है कि कुछ ऐसा करे कि लोग आपने सहारे जीवन की तय्यारी में लगे कंपनियों के सहारे नहीं .

Regards-

Abhimanyu
Secretary
Sarvodya seva Ashram
Sarvoday Gram Beripuliya
Chitrakoot Utter Pradesh
Pin Code 210205 India