बुंदेलखंड की सिसकती नदियों में जीवन लौटेगा ?
बुंदेलखंड की सिसकती नदियों में जीवन लौटेगा?
गंगा दशहरा नदियों का त्यौहार है। ८ जून २०१४ के दिन बुंदेलखंड शांति सेना,बरगढ़ शांति सेना और बरगढ़ युवा सांसदों ने मिलकर सिंघश्रोत नदी तट पर नदी जागरण यज्ञ श्रमदान यज्ञ आयोजित किये। शांति सैनिको ने सिंघश्रोत नदी पुनर्जीवन में श्रमदानियो के कामो को याद किया। इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के भाई नारद मुनि भी थे। उन्होंने कहा आज के दिन भागीरथी की तपस्या से गंगा अवतरित हुए थी और हम सिंघश्रोत नदी के भगारिथियो के कामो का अभिनन्दन कर रहे है बड़ा अवसर है। सरकार नदी जंगल और जमीन की विरोधी है -सब पूजीपतियों को देना चाहती है। रानी सावित्री ,मुन्नी सहित कुछ श्रमदानीयो ने इस यज्ञ में पुरे मन से भागीदारी दी। सिंघाश्रोत नदी पुनर्जीवन के लिए प्रतिबद्ध श्रमदानियो की ओर से सावित्री ने कहा कि - अब हम सरकार के पास नहीं जायेंगे। सरकार हमारी नदी को आजाद करदे। बी डी ओ /सेक्रेटरी जो कहे वह प्रधान माने बंद हो। हमारे गांव का पैसा खर्च करने का अधिकार गांव को दे हम लोग नदी बहादेगे। नदी हमारी सांसे है। नेता -अधिकारयों को इस नदी से क्या लाभ जो हमारी भावनाओ को जाने। ग्राम प्रधान हरिलाल पल ने कहा कि -मै लगातार तीन वर्षो से ग्राम सभा में नदी खुदाई का प्रस्ताव दे रहा हु पर ब्लाक के अधिकारी इसे स्वीकृत नहीं कर रहे। दो दिन पूर्व जिलाधिकारी जी को पत्र लिखा है। मै भी नदी सत्याग्रही बनाना चाहता हू ,सभी सत्याग्रही यदि साथ देंगे तब अधिकारी जल्दी सुनेगे। नदी जागरण पर करीब १०० लोगो ने एक साथ वृक्षः नदी के प्रति अपने संकल्प को दोहराये और सर्व सम्मत से स्वीकारा कि सिंघश्रोत सहित बुंदेलखंड की सभी सूखी व् सूखती जा रही नदियों को पुनर्जीवित करने का एक अस्त्र केवल सत्याग्रह माना। इलाहबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता आशीष तिवारी ने कहा कि सिंघश्रोत नदी बुंदेलखंड की -सभी नदियों के पुर्जीवन की प्रेरणा है। सभी नदियों के समाज को सिंघश्रोत नदी के समाज की तरह अगुवाई करनी होगी। ग्राम प्रधान खोहर और नारद मुनि ने अपनी नदियों को पुनर्जीवित करने के संकल्प झलरी बाबा के समक्ष लिए। नदी तट पर एकत्रित सभी नदी प्रेमियों ने सिंघाश्रोत सहित सभी नदियों के लिए जागरण यज्ञ किया करीब ५० लोगो ने सत्यग्राही के संकल्प पत्र भरे और नदी की सफाई में श्रम दान किया।बरगढ़ के युवाओ की सामाजिक मुद्दो में अगुवाई की प्रशंशा सभी ने की। गरीब मुस्लिम समुदाय की फूलबानो के काम प्रेरणा प्रद थे। भारत की नई सरकार के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गंगा /नदियों को माँ के रूप में माना है तब यह लगता है कि अब नदियों की पैरवी प्रधान मंत्री स्वयं करेंगे तो निश्चित ही सिंघश्रोत सहित सभी नदियों का पुनर्जीवन होगा और सावित्री जैसे जल भगीरथियो की आवाज बड़ी होगी।बुंदेलखंड की सिसकती नदियों में जीवन लौटेगा।
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