(NEWS) केन्द्र की मदद के बिना मप्र लड़ रहा है सूखे स

केन्द्रीय अध्ययन दल के दौरे के बाद भी केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश को सूखे से निपटने के लिए अब तक राशि नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने सूखे के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है।
हुए पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 48 जिलों में से सूखा प्रभावित 39 जिलों को 86.61 करोड़ रुपये दिए, जबकि चालू साल में 55 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।राजस्व विभाग के सूत्रों ने आज यहां बताया कि इसके अलावा प्रदेश के सभी 48 जिलों में पेयजल समस्या से निपटने के लिए अब तक 30.46 करोड़ रुपये, कुपोषित बच्चों के पोषण आहार के लिए प्रति तहसील 40 हजार रुपये तथा पशुओं के पानी के लिए प्रत्येक जिले को दो लाख रुपये दिए गए हैं।
प्रदेश में 48 जिलों की कुल 272 तहसीलों में से 39 जिलों की 165 तहसीलों को अब तक राज्य सरकार सूखा प्रभावित घोषित कर चुकी है।इसके अलावा गुना जिले की गुना तहसील के बारह गांवों के समूह को रबी फसल की बोनी के आधार पर सूखाग्रस्त माना गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुछ ऐसे जिले हैं, जिनमें पिछले तीन वषों से लगातार सूखे की स्थिति बन रही है। इनमें बुंदेलखण्ड अंचल के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह एवं मध्यभारत अंचल के ग्वालियर, शिवपुरी तथा विंध्य अंचल के रीवा, सतना एवं कटनी जिले हैं।

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