तालाब एवं भूदान चारागाह मुक्ति अभियान (आज भी खरे है तालाब, पर आदमी से डरे है तालाब)


तालाब एवं भूदान चारागाह मुक्ति अभियान (आज भी खरे है तालाब, पर आदमी से डरे है तालाब)


आदरणीय सम्मानित गाँधीवादी विचारक और पर्यावरणविद श्री अनुपम मिश्र जी / उनकी किताब ' आज भी खरे है तालाब ' को समर्पित है यह साइकिल यात्रा ! बुंदेलखंड के जनपद बाँदा से एक जुलाई को छाबी तालाब मैदान में एक जनसंवाद कार्यक्रम के बाद लखनऊ तक साइकिल यात्रा का प्रस्थान होगा ! इस महती और प्रासंगिक युवा सहभागिता ( इलाहाबाद युनिवर्सिटी के रिसर्च - स्कालर छात्र- छात्रा / सामाजिक कार्यकर्ता ) के हौसलों से प्रेरित यात्रा का मूल उद्देश्य देश भर में फैले / विलुप्त हो रहे प्राचीन ,बुंदेलखंड के चंदेलकालीन तालाबों और भूदान आन्दोलन के बाद देश भर में सार्वजनिक चारागाह की जमीनों पर किये गए अवैध कब्जे - पट्टे को रेखांकित करना है ! हमारी यात्रा में माननीय उच्च न्यायलय / सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों का भी वितरण किया जायेगा जो इस विषयक ' तालाब / कब्रिस्तान / पोखर / कुंए / चारागाह के लिए हुए है लेकिन वे अमल में नही लाये गए है ! यात्रा का समापन 8 जुलाई को प्रेस क्लब लखनऊ अपरान्ह बारह बजे से एक जनसंवाद और मुख्यमंत्री जी को मांग पत्र / श्वेत पत्र के साथ होगा ! आप सबसे इस हेतु शिरकत करने / स्नेह प्रदान करने का अनुरोध कर रहा हूँ ! बुंदेलखंड के सुखाड़ / जलसंकट / अन्ना पशुओं के भोजन - पानी - किसानी के पुनरुत्थान के लिए जनहित में यह अपरिहार्य एवं समसामयिक है !

यात्रा कोर सहभागी टीम - रामबाबू तिवारी छात्र पीएचडी ( सामाजिक कार्यकर्ता जल बचाओ आन्दोलन ),नलिनी मिश्रा छात्रा इलाहाबाद युनिवर्सिटी ,प्रो. योगेन्द्र यादव गांधीवादी,लेखक सर्वोदय / अतिथि प्रवक्ता (घाना साउथ आफ्रीका) ,स्नेहिल सिंह निदेशक न्यू इनवायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी ,डाक्टर मेराज अहमद सिद्दकी ( प्रवक्ता एलपीयू जालंधर -पंजाब) ,प्रणव निदेशक पथ प्रदर्शक सोसाइटी इलाहाबाद ,नीरज सिंह कछवाह,अनुराज कुमार गोपाल आदि- आमंत्रण के साथ सादर सूचनार्थ है !

By: Ashish Sagar