(Appeal) Give Your Hand For Water

Give Your Hand For Water

भैया बहनों ,

हमें यह लागत है की संसार से एक दुसरे के दुःख मा मदद करे की भावना दिन दिन छोट होत जात है हमार देस मा दैव सुख देंय मा बहुत कंजूसी करत है, हम थोडा भागमन रही की कुछ साथ मिल गा पड़े लिखां वालन का नीक बात सुनाने वालन का ताव हम आज कुछ जानें लगने है बोले लेंगे है नहीं हम्न्हू आदमी देख के डरत रनहे है . शादी की बाद जब हम यह पत्थर के गाँव मा अन्यं तो यंहा बड़ी गरीबी रही हमर पूरा गाँव बंधुवा रहा पांच पाव अनाज दिन भर मा मिळत रहा .. पूरा दिन पत्थर तोड़ के वाही हाँथन से पिस के जब घर शाम को आंवे तो अकसर रात का भूखा सोवत रनहे है.

धीरे धीरे हमारे इलाके कि महरिया जानकर बनी अच्छी अच्छी बाते अपनाने लंगी पठारों में खेती करने लगी बंधुवा जीवन से मुक्ति मिली .६ ७ महिना का अनाज घर मा जात रहा .बरसात कि कमी से बरगढ़ कि हमार सिंघ्स्रोत नदी सूख गयी है, गाँव के लोग पेड़ बहुत कटे है. पूरा गाँव परेसान ही साल भर का दाना घर मा कन्हा से अएगा.नदी मा चेकडैम से मिटटी भर गयी ही . अब पूरा गाँव मिटटी निकारे का संकल्प लिहिन है .मंहिलावो का संकल्प है कि अब पेड़ नही अतने देंगे

हमर इलाका बहुत गरीब है नदी बड़ी है बहुत दिन लगी मिटटी निकारे मा बिना मजदूरी शाम का चूल्हा नही जलत . आप सब अजान्ये तो काम जल्दी बन जय . कुच्छ न कर संके तब सरकार का कुछ लिख दे.

 २१ फरवरी २०११ से श्रमदान मां गोइन्या गाँव ब्लाक मऊ मा पधारे नदी जगान्ये.

आजू हमारे इलाकें के गांवन मा कितनो लरिका बच्चन वाली महरियाँ का दिन मा एक टाइम पेट भर नन्ही भर पावत है .

सुना जात हेई कि सरकार बहुत मदद करत है पर हमें कोनो मदद नन्ही मिल रही जोन सरकार कहत है देखो चित्रकूट उत्तर प्रदेश

जन प्रतिनिधि अपन पैसा कान्हा खर्च करत हने यह हमे नन्ही मालूम, का सुख जानी सरकार तुम्हार

सावित्री आदिवासी
बरगढ़
चित्रकूट उत्तर प्रदेश