(प्रार्थना पात) का सुखा जानी सरकार तुहार तो अब आपय हंमे सहारा दे
का सुखा जानी सरकार तुहार तो अब आपय हंमे सहारा दे
भैया बहनों ,
हमें यह लागत है की संसार से एक दुसरे के दुःख मा मदद करे की भावना
दिन दिन छोट होत जात है हमार देस मा दैव सुख देंय मा बहुत कंजूसी करत है, हम थोडा
भागमन रही की कुछ साथ मिल गा पड़े लिखां वालन का नीक बात सुनाने वालन का ताव हम आज
कुछ जानें लगने है बोले लेंगे है नहीं हम्न्हू आदमी देख के डरत रनहे है . शादी की
बाद जब हम यह पत्थर के गाँव मा अन्यं तो यंहा बड़ी गरीबी रही हमर पूरा गाँव बंधुवा
रहा पांच पाव अनाज दिन भर मा मिळत रहा .. पूरा दिन पत्थर तोड़ के वाही हाँथन से पिस
के जब घर शाम को आंवे तो अकसर रात का भूखा सोवत रनहे है. आजू हमारे इलाकें के गांवन
मा कितनो लरिका बच्चन वाली महरियाँ का दिन मा एक टाइम पेट भर नन्ही भर पावत है .
हम आपका अपनी बात ऐसे बतावत है कि आप सूनी हमें का करा चाही अच्छा रास्ता बताए .
सात दिन पाहिले १७ साल का लड़का ठंडी से मरगा साल भर पाहिले शादी भाई रही . पत्थर तोड़ के पीसत रहा बहुत कम मजदूरी मिळत रही . वहिके लाश गाँव के एक मनेइ नहीं जलावे दिहिस कहे कि लेखपाल समसान कि जमीन का पट्टा वहिके नाम कर दिहिस . या सरकार का कनून है समसान का पट्टा कर दे . बताओ कैसे जिन्ये सम गरीब . सुना जात हेई कि सरकार बहुत मदद करत है पर हमें कोनो मदद नन्ही मिल रही जोन सरकार कहत है देखो सरकार स्कूल मा बच्चन का मीनू दिहिस पर हमारे गाँव मा मीनू के अनुसार आज तक बच्चन का भोजन पेट भर नन्ही मिळत . स्कूल मा मास्टर एक व्हो भागत फिरत है .
कैसे लरका सरकार के माथे पढे. हरहा गाँव मा तो एक परिवार के बच्चन का महतारी का बाप का उनके भैन का तब से ख़राब बीमारी एड्स हीगे है लागत है गाँव के कुछ ओर परिवारं मा दिखत है . इन गरीबन के पास पैसा नहीं है कि अस्पताल जा सके . सरकार के तहसील दिवस मा बहुत प्रार्थना पात्र दिन गेई पर सिमो लेखापाल कौनो नन्ही सुनिस. जन प्रतिनिधि अपन पैसा कान्हा खर्च करत हने यह हमे नन्ही मालूम . का सुखा जानी सरकार तुहार तो अब आपय हंमे सहारा दे अब समाज से आसरा है
तुम्हार ..
सावित्री केसकलि छोटी दाई बेल्पति देवरती मुन्नी देवी राज्पैती गीता कूशाल्या उमा संगीता सोनकली
महिला शांति सेना बरगढ़ चित्रकूट उत्तर प्रदेश
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