(Story) खजुराहो नृत्य समारोह - "मेरा सपना था इस मंच पर प्रस्तुति देने का " हेमा मालिनी

खजुराहो नृत्य समारोह

मेरा सपना था इस मंच पर प्रस्तुति देने का: हेमा मालिनी

 रवीन्द्र व्यास

खजुराहो में शास्त्रीय न्रत्यो के सात दिवसीय   महा कुम्भ में नृत्य समारोह का आगाज मंगलवार की शाम फिल्म अभिनेत्री हेमामलनी और उनकी बेटिया ईसा व आहना देवल के ओडिसी नृत्य के साथ हुआ ,| छत्तीसवे अंतर्राष्टीय नृत्य उत्सव का शुभारम्भ मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी कान्त शर्मा ने द्वीप प्रज्जलित कर किया

इस  विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी में कला और संस्कृति को नया आयाम देने के लिए खजुराहो नृत्य समारोह का आयोजन किया जाता है|  देश के कोने - कोने से आये कलाकार अपनी नृत्य कला को प्रस्तुत कर अपने जीवन को धन्य बनाते है , उन्ही कलाकारों में से एक है फिल्म अभिनेत्री हेमामालनी जिन्होने  अपने  नृत्य साधना के इतिहास में खजुराहो के इस मुक्ताकाशी मंच पर पहली बार कला का जोहर अपनी दोनों बेटियों के साथ दिखाया | और स्वीकारा की खजुराहो नृत्य समारोह प्राचीन काल से चला आ रहा है ,अभी तक अच्छी  तरह से कायम  रखा हुआ है , इस नृत्य समारोह में भाग लेना ही गर्व की बात है  बहुत ही सुन्दर सा अहशास होता है , कई नर्र्त्यांगना  इसके लिए वर्षों प्रेक्टिश करती हें | और कहती  हें मुझे खजुराहो नृत्य समारोह में भाग लेने को मिल जाये  |

बहुत साल पहले मुझे भी इक्छा थी यहाँ डांस  करने की  ,लेकिन मुझे कभी यहाँ  डांस  का मोका नहीं मिला , मेरे से मेरी बेटियां ज्यादा लकी हें जिन्हें कुछ साल पहले यहाँ डांस  करने का मोका मिला , मुझे आज ये मोका मिला |

 नृत्य समारोह का शुभारम्भ करने पहुचे मद्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री लक्ष्मी कान्त शर्मा ने अंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त खजुराहो नृत्य समारोह को समय के अनुसार विकसित करने की बात कही | उनका कहना है  की हेमा मालिनी सदी की महान कलाकार हें , सब चाहते थे की हेमा जी यहाँ आयें ,और कार्यक्रम की प्रस्तुति दें | तीन वर्ष पहले हमने यह तय किया था की हेमा जी यहाँ आयें | वो दिन आज साकार हुआ है |  यह मध्य प्रदेश के लिए पहला अवसर होगा | हमने देखा की समारोह का समय ठीक नहीं है इसलिए इसे एक माह पहले आयोजित किया गया है | अब हम देख रहे हें की मंच की व्यवस्था को सुधारना होगा ,विशिस्ट दीर्घा भी होना चाहिए | आगे इसके लिए प्रयाश किये जायेंगे |

समारोह की पहली शाम हेमा मालनी और उनकी बेटिया ईसा व आहना देवल के ओडिसी नृत्य के नाम रही |

1975 से खजुराहो नृत्य समारोह क़ी शुरुआत क़ी गई थी | इसका मकसद यहाँ विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना था | पहले यह मंदिरों के मध्य हुआ करता था | बाद में इसे मंदिर परिसर से बाहर किया जाने लगा | पिछले काफी समय से इसमें दर्शक तक जुटना मुश्किल हो रहा था \ जिसके चलते इसे फरवरी माह में किया जाने लगा | पर इसका भी कोई  असर इस शास्त्रीय नृत्य समारोह पर नहीं हुआ | इसी के चलते फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को मंच  प्रदानं किया गया | ड्रीम गर्ल क़ी झलक पाने के लिए दर्शक बेताब रहे |