(Story) भूखे भागीरथो ने सिंघस्रोत नदी को पुनर्जीवित कर आयोजित की जनसुनवाई
भूखे भागीरथो ने सिंघस्रोत नदी को पुनर्जीवित कर आयोजित की जनसुनवाई
२६ मार्च २०११ को सिंघस्रोत नदी तट पर सत्य नारायण नगर भौटी कैमहाई के करीब ७० भागीरथो द्वारा नदी में पानी की नई जलधाराओ को खोजते देख कर चित्रकूट जनपद के पुलिस कप्तान डाक्टर तहसीलदार सिंह बहुत आश्चर्य चकित हुए .उनसे नहीं रहा गया वह भी जल धाराओ को अपने हांथो में फावड़ा लेकर खोजने लगे . उन्हों ने नदी से निकलने वाली ने नयी नयी जलधाराओ को देखकर कहा कि गाँव के लोगो ने मिलकर इस सूखी नदी को पुनर्जीवित किया है जिसमे सरकार का कोई योगदान पुनर्जीवन कि योजना बनाने से लेकर काम को प्रोत्साहित कराने में नहीं था . नदी खुदाई के समय गाँव के लोग संतोष सोनी के साथ जय जगत पुकारे जा सर अमन पे वारे जा - सबके हित के वास्ते अपना हित बिसारे जा के गीत गा रहे थे . इस पूरे कार्यक्रम को फ्रांस के युवा अलेक्सिस तथा अमेरिका के जैफ फ्रीमैन जो बरसात के पानी की प्रत्येक बूंद को सुरक्छित करने के महत्त्व को बुंदेलखंड के मऊ विकास खंड के बरगढ़ के छितैनी गाँव में पिछले तीन माह अनवरत गाँव वालो के साथ लगे है तथा एम बी ए करने के बाद पिछले ८ वर्षो से बुंदेलखंड में काम करने वाली सुनिता गोयल तथा पानी पर काम कारने वाले भी सुरेश रायकवार भी थे . सभी चकित थे. सर्वादय सेवा आश्रम के संतोष ,अखिलेश कमलेश रितु भीम सेन रवि प्रकाश राजाराम समय लाल और छमा ने सभी को मदद किया.
काम की समाप्ति के बाद सभी ग्राम वासिंयो के ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नदी में मंरेगा लाने व् मजदूरी न मिलने के मुद्दे पर जनसुनवाई प्रारंभ की.श्री राम बदन ने कहा कि श्री मान एस पी साहब हमरे गाँव माँ पहली बार बहुत बड़ा अधिकारी पहली बार आप आये है . नदी माँ श्रमदान हमार मजबूरी ने कराया. हमारे गाँव माँ पशुन्वो को पानी नहीं था. आस पास के ५ गाँव के पसु सिंघस्रोत से पानी पीने आते है . हमारी नदी पूरी तरह से सुख गयी . फसल भी सुखा गयी है . नदी में पानी २४ फरवरी को पहली बार श्रमदान के बाद दीखा . २५ तारीख को प्रधान जी आये थे उन्होंने नदी में नरेगा देने की हमारी मांग को माना था . बी ड़ी ओ साहब १० मार्च का आये पहली बार उनके साथ सेक्रेटरी आये . सभी ने काम कराने को कहा . काम कर रहे है. बड़ी मुसकिल के साथ हमारा काम नापा गया किन्तु आज तक मजदूरी नहीं मिली .
रानी ने कहा की जे0 इ0 साहब कहते है कि नदी में पानी के अन्दर खंती लगाओ . अब साहब आप बताओ कि पानी के अन्दर खंती के नाप कैसे होई कुँवा माँ खंती कैसे चली. प्रधानो जी हमार जे ई की हा माँ हा मिलावत है. रोज काम माँ नयी अड़चन डालत है . बहुत दिनों बाद गाँव माँ काम शुरू भा तो अब करे नहीं मिळत है .महिला शांति सेना की सावित्री ने कहा की हमार केवल की पेट की लड़ाई है . काम हम्म मिलके खोजें नदी माँ पानी लायें नरेगा नदी के खातिर है तब अब्बे तक मजदूरी कहे नहीं मिली . आज प्रधान का हम सब बुलाए रहे है कहे प्रधान जी नहीं आय. रोज रोज जे ई कुछ कही प्रधान जी कुछ कहिन्ये आज तक मजदूरी नहो मिली १ महिना दौड़त दौड़त होइगे कौनो सुनाई नहीं है . बड़ी मनमानी है .
गाँव की किसोरी सुनीता ने कहा कि हमारे माता पिता के पास पैसा नहीं है उधार सामान लेते है जिसमे व्याज बहुत देनी पड़ती है भर पेट भोजन भी कभी कभी नहीं मिलाता. पढने के लिए पैसे नहीं है . स्कूल दूर है .मजदूरी करना हमारी मज़बूरी है.
कक्षा ७ के विद्यार्थी प्रकाश चन्द्र साहू ने बड़ी मार्मिकता से पानी समस्या पढाई की समस्या को रखा .अलेक्सिया जैफ तथा सुनीता गोयल ने नदी के पुनर्जीवन की सफलता पर गाँव वालो कि भूरी भूरी प्र संसा की सुनीता जी ने कहा की हम सभी एस पी साहब से प्रार्थना करते है कि जिलाधिकारी जी को यंहा लांये इनके प्रयासों को दिखाए नरेगा में जो दिक्कते ब्लाक के द्वारा प्रधान के द्वारा पैदा की जा रही है उन्हें दूर करने में मदद करेगे.
चित्रकूट जनपद के पुलिस कप्तान ने कहा कि आप लोगो ने वह काम कर दिखाया है जो सरकारे नहीं कर सकती . नदी में भर पूर पानी आगया है नदी को जीवित करना तो भगवान का वरदान सा दिखता है . यहाँ के भगवान झालरी बाबा है लेकिन यंहा बैठे प्रत्येक लोग झालरी बाबा दीख रहे है . आप साबको प्रणाम करता हू. सरकारी लोगो के दवारा जो दिक्कते डाली जा रही है वह हम देखेगे. हमारे जिलाधिकारी बहुत रचनात्मक है. वह भी यहाँ आयेंगे मेरा प्रयास रहेगा. धैर्य अभी तक रखा है उसे कायम रखिये. भाई अभिमन्यु जी ने जो रास्ता आपको दिखया आज उसी का परिणाम है की आपकी नदी , आपके गाँव और आपकी पहचान बढ़ी है. पहले तो एक भागीरथ थे आज सभी भागीरथ के रूप में दिख रहे है.
अभिमन्यु सिंह
बुंदेलखंड शांति सेना,चित्रकूट
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