अजयगढ़ का नामकरण
अजयगढ़ का नामकरण
अजय गढ़ मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | यह नगर अपने चंदेल कालीन किले के लिए प्रसिद्ध है यह चंदेलों के किले कालिंजर के बाद सबसे महत्वपूर्ण किला था; जब कभी कालिंजर का किला किसी शत्रु के हाथ में आ जाता था तब अजय गढ़ किले में चंदेल पुनः प्रयास कर कालिंजर को जीतते थे |
अजय गढ़ का नाम चंदेल कालीन शिलालेखों में जयपुर अथवा जयपुर दुर्ग मिलता है यही नाम बाद में जयपुर से अजय गढ़ बन गया इस प्रकार अजय गढ़ का नाम जय गढ़ से अजय गढ़ बन गया |
अजय पाल कौन थे?
अजय पाल की किले में मध्य में स्थित तालाब के किनारे अजय पाल मंदिर स्थित है यह मंदिर बाद में बना है प्राचीन मंदिर नष्ट हो गया होगा लेकिन उसमें प्रतिष्ठित अजय पाल की मूर्ति जो कि भगवान विष्णु की है वह चंदेल काल की है |
अजय पाल कौन थे वह प्रश्न लोग अक्सर पूछते हैं यह नगर और किले के एक रक्षक भी माना जाता है रक्षक देवता होते हैं यह उदाहरण के लिए कालिंजर के किले मैं स्थित मेढजी भैरव और भैरवी उसके रक्षक माने गए हैं
इसी प्रकार से वाराणसी के रक्षक भैरव को कहा गया है उसी प्रकार से जयपुर (अजयगढ़) के रक्षक देवता जयपाल रहे होंगे और जयपाल से ही अजय पाल बने अजय पाल भगवान विष्णु है जो अजयगढ़ किले के रक्षक देवता है इस प्रकार से अजय गढ़ के किले के प्रसिद्ध रक्षक अजयपाल जी हैं
यह मत प्रोफ़ेसर सुशील कुमार सुल्लेरे का है जिन्होंने अजय गढ़ का शोध कार्य किया है और उनकी पुस्तक भी अजयगढ़ और कालिंजर की देव प्रतिमाओं पर प्रकाशित है |
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