(Appeal) भ्रस्टाचार मुक्त मनरेगा को बनाने के सत्याग्रह में सम्मलित होने का आमंत्रण पत्र
कौन कहता है कि आकाश में छेद हो नहीं सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो!
बच्चो के परिवारों में भोजन दो वक्त का मिले इसके लिए मनरेगा बुंदेलखंड में व्याप्त सूखे से बचाव का सहारा थोडा दिखता है . लेकिन यह सहारा मनरेगा के संचालक जनप्रतिनिधि रोजगार मित्र ,जे एई गाँव विकास अधिकारी तथा बी डी ओ के तुगलकी निरनय के कारन लोगो को भुखमरी मिल रही है. गाँव वालो को निर्णय में सामिल नहीं किया जा रहा है . मनरेगा के कामो में पहली प्राथमिकता के काम प्रकृति के संरक्छां की है . चित्रकूट के मऊ विकास खंड में बरगढ़ स्थित गुईया ग्राम पंचायत में सभी की गुट बाज़ी के कारन १ माह से नदी को पुनर्जीवित करने वाले मजदूर कोल आदिवासी भागिराथियो को मनरेगा से मजदूरी नहीं गयी . बी डी ओ सेक्रेटरी जो ज्ञान प्रधान जी जे एई व् रोजगार सेवक को देते है वही निर्णय लिए जा रहे है |
सत्य नारायण नगर , कैमहाई तथा भोटी के लोग नदी के विकास को पहले चाहते है . इस पर उन्होंने काम भी किया . जे ई द्वारा नाप भी हुई . लेकिन अभी तक उनका भुगतान नहीं किया गया . करीब ७० लोंगो ने होली का रंग नहीं जाना . आज सभी कर्जदार हो गए है . मजदूरी के आलावा कोई रोजगार का साधन नहीं है . क्या यही लोकतंत्र है . हमारा पंचायती राज , मनारेगा कानून बी डी ओ पंचायत के काम करने तरीको को इसी प्रकार करने को कहता है. न तो गाँव सभा की खुली बैठक है न लोगो के विचारो को लेना है . गाँव के लीगो को गलत सिध्द कर देना . गरीब को और गरीब बनाने कि बात है |
यंहा के बच्चो व् उनके परिवारों ने प्रकृति को मृत नदी जिन्दा करके लौटाया है . इनके प्रयासों को सम्मानित करना दो दूर इन्हें दवा,भरपेट भोजन नहीं दे पा रही पंचायती राज व्यवस्था है ,क्रपया आप प्रधान मंत्री जी को ऐसे प्रयांसो और बुंदेलखंड में नरेगा में जबरदस्त भ्रस्टाचार को मुक्त कराने के बारे में लिखे.लिए |
5 अप्रैल से सिंघश्रोत नदी तट में गाँव के लोग भ्रस्टाचारमुक्त मनरेगा बनाए के लिए सिंघश्रोत नदी तट पर सत्याग्रह प्रारंभ करने जा रहे है .आप से अनुरोध है कि आप जहा है वही से इस अभियान को अपने तरीके चला्ये यदि आप के गाँव में ऐसा ही हो रहा है. भागीरथो के सत्याग्रह में आपके हाथो की आहुति बहुत मदद देगी.बहुत लोगो ने भागीरथो के काम को सराहा है |
आपका साथी
अभिमन्यु,
बुंदेलखंड शांति सेना
(चित्रकूट )