(Article) बुंदेलखंड प्रान्त : केंद्र सरकार राजी , मायावती जी राजी, फिर देरी क्यों ?
बुंदेलखंड प्रान्त : केंद्र सरकार राजी , मायावती जी राजी, फिर देरी क्यों ?
बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी के संयोजक संजय पाण्डेय ने यहाँ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा की बुंदेलखंड में अपार खनिज सम्पदा होते हुए भी यह क्षेत्र बदहाल है . इस क्षेत्र को देश के अन्य हिस्सों के समानांतर लाने के लिए त्वरित और केन्द्रित विकास की दरकार है जो की इसे पृथक राज्य बनाये जाने की स्थिति में ही संभव है.केंद्र तथा उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा की कांग्रेस तथा बसपा की राजनीतिक प्रतिद्विन्दिता के खामियाजा बुंदेलखंड के निवासियों को भुगतना पद रहा है. केंद्र सरकार बुंदेलखंड के विकास के लिए पर्याप्त राशि यह कह कर की मायावती उस राशि का दुरूपयोग करेंगी, नहीं दे रही है. तो दूसरी ओर मायावती केंद्र सरकार से पर्याप्त सहायता न मिलने के आरोप लगाती हैं. निष्कर्ष यही निकलता है पिछले दो वर्षों से केंद्र तथा राज्य सरकार में बुंदेलखंड को लेकर सिर्फ वाकयुद्ध चल रहा है, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया गया.
पृथक राज्य के मुद्दे पर भी उन्होंने कहा की सरकारें जमकर राजनीति कर रही हैं, केंद्र तथा राज्य सरकारें गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक रही हैं . कभी मायावती जी केंद्र को चिट्ठी लिखती हैं तो कभी राहुल गाँधी बुंदेलखंड राज्य गठन की खुली वकालत करते नजर आते हैं. पिछले वर्ष तो स्वयं मनमोहन सिंह ने वाराणसी दौरे पर उत्तर प्रदेश के विभाजन की बात रखी थी. इन सबके बावजूद बुंदेलखंड राज्य गठन के लिए संवैधानिक तरीके से पहल करने की बजाये सिर्फ लफ्फाजी की जा रही है .पाण्डेय ने कहा की पृथक बुंदेलखंड के मुद्दा अब यहाँ के चार करोड़ लोगों के जीवन मरण तथा उनकी अस्मिता के मुद्दा बन गया है जिसके लिए बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार है . बताया की १९ जनवरी को झाँसी में पृथक राज्य की मांग को लेकर सर्वदलीय सम्मेलन है जिसमें आन्दोलन अधिक प्रभावी बनाए जाने पर चर्चा होगी तथा बड़े आन्दोलन का शंखनाद होगा.
By
Sanjay Pandey
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