बुंदेलखंड : एक सांस्कृतिक परिचय - खजुराहो में पशु-चित्रण (Animal depiction in Khajuraho)
बुंदेलखंड : एक सांस्कृतिक परिचय
खजुराहो में पशु-चित्रण (Animal depiction in Khajuraho)
खजुराहो की प्रतिमाओं में जहाँ एक तरफ जीवन को आनंदमय बनाने के लिए नृत्य, संगीत और अनेकानेक प्रकार के आभूषणों को प्रयोग में लाया गया है। वहीं अनेक प्रतिमाओं में शिकार के दृश्य भी देखने को मिलते हैं। शिकार के दृश्य प्रायः मंदिर के अधिष्ठान और जगती भाग में पाये गए हैं। खजुराहो के संग्रहालय में भी शिकार संबंधी अनेक प्रतिमाएँ संग्रहित हैं। यहाँ के दृश्यों से प्रतीत होता है कि शिकार में घोड़ों का प्रयोग होता था। भाले का प्रयोग शिकार करने के प्रमाण मिलते हैं। कई दृश्यों में मोरों के शिकार के भी चित्रण मिलते हैं। कंदरिया महादेव मंदिर में एक दृश्य में शिकारी मोर का शिकार करके लौटते हुए दिखाया गया है।
शिकार के अतिरिक्त पशु युद्ध या पशुओं के लड़ाने के दृश्य भी दिखाई देते हैं। कंदरिया महादेव मंदिर में हाथी और शेर का युद्ध का अंकण मिलता है। गर्जता हुआ शेर, हाथी की सूंढ़ पर आक्रमण करते हुए दिखाया गया है। खजुराहो के कुछ दृश्यों में मनुष्य और हाथी के बीच युद्ध दिखाया गया है। एक प्रतिमा में, हाथी पर पुरुष को भाले से आक्रमण करते हुए अंकित किया गया है। कहीं- कहीं ऐसे हमलावरों ने तलवार का भी उपयोग किया है।
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Courtesy: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र