Diwari Pai Danda - Dance Group, Bundelkhand: बुंदेलखंड के बाँदा जिले से बुन्देली लोक नृत्य ' दीवारी पाई डंडा '


बुंदेलखंड के बाँदा जिले से बुन्देली लोक नृत्य

'दीवारी पाई डंडा ' - Diwari Pai Danda


Group Intro: Natraj Traditional Diwari Rural Band (नटराज ट्रेडिसनल दीवारी रूरल बैंड) Badokhar Khurd, Banda U.P. 210001
Members: 20+ from various villages in Bundelkhand
Awards: Total 174 Award Achieved this Dance group For 'Dewari Paai Danda ', including performance in Rashtrapati Bhavan Delhi.
Group Leader: Ramesh Pal 
Supporting NGO: PRAWAS Society, Banda for Bookings Call: +91 9621287464 

बुन्देली दीवारी नृत्य की अवधारणा - Diwari Dance Theme

बाँदा के सामाजिक कार्यकर्ता और इस लोककला के संरक्षक आशीष सागर दीक्षित बतलाते है कि दिवारी पाई डंडा नृत्य नटवर भेष धारी श्री कृष्ण की लीला पर आधारित नृत्य है | जो उनके गाय चराने के समय यदुवंशीय युद्ध कला का परिचायक है l भाद्रपद की पंचमी से पौष - माघ माह की मकर संक्राति तक यह नृत्य होता है | बुंदेलखंड के खाशकर बाँदा जिले में गाँव - गाँव यादव जाति के युवा और बाल समूह बनाकर इसका प्रदर्शन करते है | इसमे समूह में लाठी चलाने की युद्ध कला , आत्मरक्षा हेतु वीरता प्रदर्शन , आग के गोले से निकलना , सजे हुए वेश में अपनी युद्ध कला का नाचते हुए कौशल के साथ मंचन ही इसकी आकर्षण शीलता है l इसके लिए घोर सर्दी , गर्मी में भी ये युवा गाँवो में आखाड़ा तैयार करके प्रशिक्षण लेते है | नृत्य के समय आकर्षक वेश भूषा में लाल फुलरा गुल गंद, पाँव में घुंघरू ,सर में पगड़ी या साफी बांधकर छोटे - छोटे डंडे , लाठी से नाचना होता है | मूलतः यह नृत्य बुन्देली शौर्य को प्रमाणित करता है | प्रोफेसनल ट्रेनर और बड़ोखर खुर्द बाँदा के इस नटराज ट्रेडिसनल दीवारी रूरल बैंड के टीम लीडर रमेश पाल अपने बीस सक्रीय सदस्यों के साथ महावीरन के अखाड़े में बुंदेलो लोककला को निखारते है.सर्दी में भी खुले बदन लंगोट कसकर ये छोटे - बड़े साथी कठोर मेहनत से अपने हुनर को आने वाली अगली पीढ़ी में हस्तांतरित कर रहे है|

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Diwali Dance Practice Session

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Dance Group Practice Session

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Young Member showcasing skills

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Group Leader with the Host in New Delhi

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Introduction:

Diwari Pai Danda dance reported to have been developed from the days of lord krishna's cowherd boy stage in which lord krishna gets involved into mock battles with his friend circle employing the use of sticks.

this play has gradually taken a form, now known as pai danda dance.

This dance performed exclusively by the ahir (milkmen) community during diwali and very popular in the district of hamirpur, mahoba and banda of uttar pradesh, is known as diwali nritya or stick dance.
stick dance as its name denotes its martial character, the dance is performed by males who move in circles holding long sticks in their hands and tie ghoongrus in their feet and waist to provide rhythm and fast movements to the dance.

लोकप्रिय / चर्चित बुन्देलखंडी लोककला नृत्य दीवारी पाई डंडा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का चर्चित डांस ( नृत्य समूह ) है |

यह समूह अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में लोककला समारोह में , राष्ट्रपति डाक्टर एपीजे. अब्दुल कलाम के समक्ष गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2005 में शो कर चुका है.असम(गुवहाटी),कोलकाता,सिक्कम,प्रगति मैदान दिल्ली से होता हुआ यह समूह 9 जनवरी को एयर फ़ोर्स आटोडोरियम हाल में केन्द्रीय जल संसाधन / जल मंत्री उमा भारती के समक्ष जल संवाद में भी प्रस्तुति दे चुका है l देश के अलग - अलग प्रान्तों और युवा महोत्सव में यह अपना दबदबा कायम किये है...अब तक 174 अलग - अलग सम्मान पत्र प्राप्त यह बुन्देली दीवारी पाई डंडा का बाँदा / बुंदेलखंड से प्रमुख समूह है |

इनका देहाती ( ग्रामीण अंचल का अंदाज )और लाठी युद्ध कला,शारीरिक स्फूर्ति और वीरता का मंचन ही इस लोक नृत्य की शान है | वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ये ग्रामीण युवा के लोकलय प्रतिभा के जरिये आजीवका का माध्यम भी बन सकता है.

Press Coverage:

 

 

तेरह सदस्यों के नाम -

  • समूह लीडर - रमेश पाल ( नटराज डांस ग्रुप )
  • लल्लू - चक्रनृत्य कला
  • रामकिशुन - विकलांग ( नृत्य में पारंगत )
  • बाबू - शैला नृत्य
  • राजेंद्र - नृत्यकार
  • सत्यदेव - आग के गोले से प्रदर्शन
  • हरिप्रसाद - नृत्यकार
  • माताप्रसाद - लाठी युद्ध कला
  • अवधेश - मल्हार
  • शैलेन्द्र - ऊँची उड़ान
  • कंधी - ढोल वादक , सुरेश - नंगाड़ा वादक

अन्य सदस्य

  • संजय,बड़कौना,सुनील,गुरुदयाल ,रोहित,गोबिंद, सचिन , ब्रजेश पाल , संदीप , कृष्णपाल ,
  • प्रदीप,विकास,लवलेश, औकेश है जो समूह में नृत्य मुद्रा में साथ व लाठी मंचन का प्रदर्शन करते है |