डॉ विवेकानंद जैन : ख्यात हिन्दी-बुन्देली कवि-लेखक (Bundeli Writer-Poet, Vivekanand Jain)
डॉ विवेकानंद जैन
एक संक्षिप्त परिचय :
बुंदेलखण्ड के दिगौड़ा जिला टीकमगढ़ में श्री बाबूलाल जी जैन (शिक्षक) के द्वितीय सुपुत्र के रूप में विवेकानन्द जैन ने जन्म लिया। (1968). प्रारम्भिक शिक्षा मबई, खरगापुर तथा दिगौड़ा के विद्यालयों से हुयी। उच्च शिक्षा डा. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर (M.Sc. Botany; M.Lib.I.Sc.) से हुई। आपने पी.एचडी. की उपाधि काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
डा. विवेकानन्द जैन, केन्द्रीय ग्रंथालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में उपग्रंथालयी (डिप्टी लाइब्रेरियन) के पद पर कार्यरत हैं। आपको पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र में लगभग 25 वर्षों का कार्य अनुभव है। आपने टी.एफ.आर.आई. जबलपुर तथा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एन.आई.सी.) नई दिल्ली के पुस्तकालय में कार्य किया है। जुलाई 1996 से आप केंद्रीय ग्रंथालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की सेवा प्रदान कर रहे हैं।
आप अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालयों के महासंघ “इफला” के “इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी” यूनिट के 2009-2013 तक सदस्य रहे हैं । आपके द्वारा लिखित 2 पुस्तकें तथा लगभग 50 लेख शोध-पत्रिकाओं तथा संगोष्ठियों की कार्यवाही (सेमीनार प्रोसीडिंग्स) आदि में प्रकाशित हो चुके हैं।
आपने पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के अलावा जैनधर्म एवं दर्शन पर शोध लेखों का प्रकाशन किया है। आपके द्वारा “जैन धर्म के पुस्तकालयों के डिजिटल संरक्षण” पर एक शोध लेख पेरिस की कैथोलिक यूनीवर्सिटी में (अगस्त 2014) प्रस्तुत किया जो कि केम्ब्रिज स्कोलर पब्लिशिंग (यू.के.) से प्रकाशित हुआ है।
आपने विश्व के प्रमुख स्थानों में काठमांडू, मिलान, रोम, पीसा, पेरिस, जिनेवा, हेलसिंकी, टेलिन, सियामरीप, बैंकाक, सिंगापुर आदि का भ्रमण किया तथा इस दौरान प्रमुख पुस्तकालयों, संग्रहालयों को देखा तथा संगोष्ठियों में भाग लिया।
(डा. विवेकानन्द जैन)
केन्द्रीय ग्रंथालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी – 221005
मो. +91 94505 38093