शुभ रंग के लिए शुभकामनाये होली पर.

                          शुभ रंग के लिए शुभकामनाये  होली  पर

जिनके घरो के चूल्हों में आग भी शर्माती है जन्हा  बच्चो की इच्छाए सुलगती  है आँखों में ऐसे गाँवो में भी एक परम्परा जारी है होलिका दहन क़ी यह कैसी होलिका है उनकी  लकडियो  को हरे पेंड़ो को  जला कर  रख कर देती है

नहीं जलाती है उनकी  गरीबी को नहीं जलाती है उन लोगो को जो उनके  हक़ में डाका डालते है

लूटते है उनके  लाल कार्ड को जाब कार्ड को स्मार्ट कार्ड को और जलील करते है उनके  विस्वास को

यह कैसी होली है इसके आने के पहले सैकड़ो  परिवार  भय भीत होते है एक नये कर्ज से , समाज क़ी मान्यतो  से  

इस होली में मिलकर सोचे बुंदेलखंड के गरीब गाँवो में  कैसा रंग डालेंगे .

अभिमन्यु

बुंदेलखंड शांति सेना