Movement for Bundelkhand Farmer suicide justice - बुंदेलखंड का मरे किसान और सरकारों के बहरे कान
बाँदा - 20 फरवरी को चित्रकूट धाम मंडल मुख्यालय जिला बाँदा में गत 15 फरवरी से जारी 57 ग्राम के किसानो का पूर्ण कर्जमुक्ति आन्दोलन क्रमिक और आमरण अनशन के बाद सडको पर उतरा l जिसमे ग्राम की महिलाये भी सहभागी थी l किसान आन्दोलन ने एक दिन पूर्व ही यह घोषणा कर दी थी कि वे 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सांकेतिक शव यात्रा निकाल कर विरोध दर्ज करवाएंगे l इन 57 ग्राम पंचायतो में कुछ एक गाँव मध्य प्रदेश के छतरपुर के भी रहे l
उल्लेखनीय यह है कि इस मुख्यमंत्री की सांकेतिक शवयात्रा से सकते में आई जिला पुलिस ताकत , अधिकारी और ख़ुफ़िया तंत्र ने इन किसान भाइयो को अनशन स्थल मंतोध जो जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर है में फ़ोर्स लगाकर बाँदा के आगमन सीमा तक नजरबन्द कर दिया था l
कुछ ग्राम के करीब 200 किसान डर से वापस हुए लेकिन जिनमे जज्बा बना रहा वे बुधवार की रात से उत्तर प्रदेश में लगाई शिक्षक एमएलसी चुनाव की आचार संहिता के बाद भी अपने निज साधनों से बाँदा पहुचे l मुख्यमंत्री की शव यात्रा का पुलिस बल से विरोध किया गया और आपस में झड़प भी हुई l पुलिस के नही मानने पर किसानो ने एक किसान ब्रजेश सिंह के गले में ही फांसी का फंदा पहनकर मंडल आयुक्त के कार्यलय तक हल्ला बोल के साथ जुलुस निकाला गया l
किसानो के अपने नारे थे कि - समाजवाद का ये ही नारा , मर जाये किसान हमारा / बुंदेलखंड का मरे किसान - सरकारों के बहरे कान / चाहे जो मज़बूरी हो - ये कर्ज माफ़ी ज़रूरी हो l
मंडल आयुक्त को अपना तीन सूत्रीय मांग पत्र देकर पूर्ण कर्जा मुक्ति , ब्याज सहित वसूल किये जा रहे बिजली के बिल में माफ़ी और किसानो को बीमा / पेंशन शामिल है l साथ ही मांग पत्र में यह भी लिखा गया है कि ये मांगे नही मानने पर हम सामूहिक आत्महत्या करेंगे और लोकसभा चुनाव का बहिस्कार भी करेंगे l आजादी के 65 वर्ष बाद भी गणतंत्र तो अपने आधे – उधड़े स्वरुप में जैसा का तैसा ही रहा लेकिन ये ग्राम विकास के बुनयादी पहलु से भी पीछे नजर आते है l
मालूम रहे कि बुंदेलखंड के किसानो पर हाल फिलहाल सात जिलो में अलग – अलग बैंको का कुल 1680 करोड़ रुपया कर्जा बकाया है l जिसमे कि 1400 करोड़ रुपया कृषि कर्ज है और यहाँ 16 लाख किसान कर्जे की गिरफ्त में है l बीते जून 2012 तक किसानो पर 9095 करोड़ रुपया कर्ज कृषि का बकाया था l इसमे भी 900 करोड़ रूपये कृषि कर्ज और 500 करोड़ रुपया कृषि यंत्र – ट्रेक्टर का शेष है l
विधान सभा चुनाव पूर्व अपने सियासी दांव पर वादा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुखिया ने किसानो को कर्ज से मुक्ति दिलाने का वादा किया था l जो अभी तक पूरा नही हुआ l इस किसान के सांकेतिक शव यात्रा को रोकने के लिए जिले का ख़ुफ़िया तंत्र मुस्तैदी से तैनात किया गया था पर वह आन्दोलन कारी रणनीति के आगे विफल साबित हुआ l
उधर किसान आन्दोलन के अगुआ किसान ब्रजेश सिंह का कहना है कि अगर मांगे नही मानी गई तो किसान एक बार फिर आन्दोलन करेगा l क्योकि सिर्फ वादों से किसान नही जी सकता है l
लगाते है लांछन - किसान नेताओ का यह भी कहना था कि अगर कोई किसान मरता है तो प्रशासन उसके परिवार के बेटी, बहु या पत्नी पर चरित्र हनन का लांछन लगाने से भी गुरेज नही करता है l प्रसाशन दलील देता है कि किसान जुआ खेलता था इस वजह से कर्ज के कारण मर गया l उसकी बेटी को गर्भ ठहर गया था इसलिए उसने सामाजिक दुःख से जान दे दी l या फिर किसान की पत्नी का चाल – चलन ठीक नही था l यह सब घिनोनी आड़ भी लेने से नोकरशाही को लाज नही आती है l
नही देंगे वोट – किसानो का ये कहना था कि अगर अधिसूचना जारी होने से पहले हमारी मांगे नही मानी गई तो हम 57 ग्राम के किसान आगामी लोकसभा चुनाव में राईट टू रिजेक्ट का प्रयोग करके किसी को मतदान नही करेंगे l जब लोकतंत्र में लोक ही फटेहाल है तो कैसा लोक उत्सव ?
किसानो कि 13 सूत्रीय मांगे –
- बुंदेलखंड को पिछड़ा और अविकसित क्षेत्र घोषित किया जाये l
- बुंदेलखंड के निजी नलकूपों के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली दी जाये l
- तीन हजार से अधिक किसान आत्महत्या कर चूका है इसका सरकारी आंकड़ा जारी हो और पूर्ण कर्ज मिक्ति की जाये l
- बांध और नहरों को दुरुस्त किया जाये , किसानो के लिए बेहतर सिचाई व्यवस्था की जाये l
- गेहूं,चवल,आलू.प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा मिले, किसानो से निर्यात कर नही लिया जाये l
- किसानो को खले बाजार में कीमत दी जाये, मंडी को मुक्त किया जाये, उत्पादों का अच्छा मूल्य मिले l
- ओला, पाला और असमय प्राकृतिक आपदा , बरसात से किसानो की जो फसल नष्ट हुई है उनके फसलो के नुकशान की भरपाई सरकार करे l
- किसानो को फसल बीमा का लाभ मिले l नुकशान हुई फसलो का सही आंकलन हर वर्ष हो l
- बैंको से किसानो के उत्पीड़न पर रोक लगे साथ ही निजी दलालों से वसूली पर तत्काल रोक लगे l
- आत्महत्या कर रहे किसान परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा दिया जाये l उसके एक सदस्य को सरकारी नोकरी प्रदान की जाये l
- कोटा के अन्दर अन्न का वितरण न करके लाभार्थी के खाते में सीधे छूट दी जाये जिससे भ्रस्टाचार रुके l
- बुंदेलखंड पैकेज से खर्च हुई धनराशी की सही तरीके से जाँच हो , रिपोर्ट सार्वजानिक की जाये l
- बुंदेलखंड को राज्य बनाया जाये लेकिन प्राकृतिक संसाधनों की महती सुरक्षा हो – जल जमीन जंगल l
By : आशीष सागर
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