(News) खनन माफिया ने लिया खच्चर का सहार

खनन माफिया ने लिया खच्चर का सहारा !

बाँदा जिले में केन नदी पिछले तीन दिन से उफान पर है l यमुना का जल स्तर हाल फ़िलहाल ठीक है l नदी से अवैध तरीके अपना कर बालू निकलने की बाते पुरानी हो चली है अब बालू के माफिया आवारा और पालतू गधे / खच्चर का सहारा ले रहे है l 35 गधे से एक  ट्रैक्टर बालू अर्थात 100 फिट बालू भरती है और 350 गधो / खच्चर से एक  ट्रक बालू यानि 1000 फिट भरी जाती है l एक खच्चर बालू का मूल्य है बजार में 100 रूपये, 18000 से 25000 रूपये की बालू का ट्रक ये गधे ही भर देते है l यहाँ यह भी उल्लेखनीय है की ये खच्चर मालिक सरकार या खनिज विभाग को कोई राजस्व नही चुकाते है l नदी की जलधारा के बीच से नावं के माध्यम से बालू निकल जाती है और फिर उसे डंप करके इन गधो पर लाद कर बेचा जाता है l नगर पालिका के सफाई करने का जरिया भी बन जाते है ये खच्चर मगर बाँदा को साफ रखता कोन है ! अन्दर की बात ये भी है कि महज 20 रूपये की पर्ची खनिज विभाग से कटवाकर ये दिन भर बेधड़क बालू ढुलाई करते है और सारे अधिकारी इस खनन के आगे चुप है l अब करे भी तो क्या जब कभी इनको किसी ने रोकना चाहा तो दारुबाज खच्चर मालिक इनको लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में जाम लगाते है और गरीबी की दुहाई देकर छूट जाते है l जबकि हकीकत यह है की अब तो छोटे बच्चो से लेकर किशोरियां तक ये पेशा कर रही है l बड़े ठेकेदार इनसे अनुबंध करके सरकार को नए तरीके से चूना लगा रहे है l नदी से अवैध बालू की लूट रोक पाने में सरकार और कानून दोनों ही लचर है इन प्रकृति के बलात्कारियो के आगे l क्या करेगा ग्रीन ट्रीयूब्नल / हरित न्याय अधिकरण और सुप्रीम कोर्ट ? किसी भी खच्चर के पास पर्यावरण की एन.ओ.सी. भी नही l ये भारत है यहाँ कानून के बनते ही उसके तोड़ने के उपाय खोज लिए जाते है l बिना रवन्ना / रायल्टी के चलता है खच्चर बने खनन माफिया का ये खेल और सिस्टम फेल ! –

By : आशीष सागर