(Article) सरकारी लोकपाल बनाम जनलोकपाल

 

सरकारी लोकपाल बनाम जनलोकपाल

अन्ना की आंधी: एक रोमांच मुकाबले का सीधा हाल

https://bundelkhand.in/images/2010/Anna-Hazare-Interview-on-Lokpal-Bill-300x221.jpg अभी हाल ही मैं हम ने भारतीय क्रकिट टीम को इगलैण्ड की धरती पर घुटने टेकते देखा है। हमारी भारतीय क्रकिट टीम ने तीन माह पहले ही विश्व कप जीतकर 24 साल पहले लिखे गए इतिहास को दोहराया था इस सीरीज के पहल यह टीम टेस्ट क्रकिट के सर्वोच्य स्थान स्थान प्राप्त कर चुकी थी।मगर इगलैण्ड में चार टेस्ट मैचौ की सीरिज हार ने के बाद इसे अपनी इसे अपने टेस्ट मैचो के सर्र्वोच्य स्थान के साथ से हाथ धोना पडा सभी टेस्ट मैच हारने के बाद भारतीय क्रकिट टीम को भारतीय मीडियां के साथ विदेशी मीडियां ने भी आड़े हाथो लिया।

यह हार भारतीय क्रकिट के इतिहास में सबसे शर्मनाक हार रही है। इसी सबके बीच भारत में एक और मैच सरकार और जनता के बीच चल रहा है। यह मैच में हठ और हम की के बीच चल रहा है जिसके परिणाम ऐतीहासिक और निर्णायक होगा जिसके ऊपर सारे देश का भविष्य निर्भर करेगा। इस मैच जनता और जनता के द्वारा चुने हुए गए जनप्रतिनिधी आमने सामने आ गए है। जिसमे एक टीम की कप्तानी देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिह कर रहें है और दूसरी टीम की कप्तानी जाने-माने समाज सेवी अन्ना हजारे कर रहे है। दोनो हि टीमे अपने-अनपे मुदद् लेकर भारत के मैदान में उतर चुकी है।

वैसे भी इस देश की घरती पर एक से एक मुकाबले हुए है जिसमें देश की जनता ने बड़चड़ कर हिस्सा लिया। इसी तरह का मैच आज हमें देखने को मिल रहा है जिसमें टीम मनमोहन की तरफ से राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, पी. चिदम्बर, प्रणव मुखर्जी, वीरप्पा मुइले, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, अभिषेक मनु सिंघवी के साथ संसद के दोनों सदनों में मौजूद सभी जनप्रतिनिधि है। वहीं टीम अन्ना के साथ प्रशांत भूषण, शंति भूषण, अरविंद केजरीबाल, किरण बेदी, मनीष सिशोदिया सहित अन्य समाजसेवियों के अलावा पूरे देश की जनता है। दोनों ही टीमें एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की गेंदे फेंक रहे है।

दोनों का मुद्दा एक ही है वह है लोकपाल बिधेयक। जिसमें से एक टीम चाहती है कि उसके द्वारा बनाया गया सरकारी विधेयक पारित हो और दूसरी टीम चाहती है कि उसके द्वारा बनाया गया जनलोकपाल बिधेयक पारित हो। जिसके लिए यह लड़ाई आज खुलकर मैदान में आ गयी है। आपको बता दें कि चार माह पहले अन्ना हजारे टीम के द्वारा जंतर-मंतर पर एक अनशन शुरु किया गया था। जिसमें एक सशक्त लोकपाल विधेयक बिल बनाने की मांग अन्ना टीम के द्वारा की गयी थी, जिससे घबराकर टीम मनमोहन ने अन्ना की मांगे मान ली थी और एक सशक्त लोकपाल बिल का आश्वासन देकर अन्ना का अनशन तुड़वाया था। इस लोकपाल बिल को लेकर दोनों ही टीमों में कई बार वार्ताओं के दौर भी चले लेकिन हर बार किन्हीं मुद्दों को लेकर यह बर्ताए विफल साबित हुई।  टीम मनमोहन के द्वारा इस मामले से अपना पल्ला झाडऩे के लिए कल एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जो बेनतीजा साबित हुयी।

इस सर्वदलीय बैठक से यह साबित हो गया कि कोई भी राजनैतिक पार्टी में इतनी इच्छाशक्ति नही है कि वह खुलकर लोकपाल बिल का समर्थन कर सके। इसी क्रम में आज संसद में मनमोहन सिंह ने कहा कि हम जनलोकपाल, सरकारी लोकपाल बिल, अरुणा राय के द्वारा बनाया गया लोकपाल विधेयक और जयप्रकाश नारायण द्वारा लोकपाल विधेयक को एक साथ संसद में चर्चा के लिए लाएंगे। जिस पर सभी राजनैतिक दलों ने एक मत से अपनी राय प्रकट की और इसके अलावा कहा कि अब अन्ना जी को अपना अनशन बापिस ले लेना चाहिए। अब देखना यह है कि इस निर्णायक और ऐतिहासिक मैच में किस टीम की जीत होती है और किसकी हार। इस मैच का फैसला जो भी हो सब कुछ झेलना तो जनता को ही है।

By. इमरान खान, छतरपुर