(Festival) रहली बुन्देली महोत्सव में बुन्देली शौर्य का कला सूर्य चमका
श्रीम कत्थक पीठ के साइकोम्यूजिकल नृत्य से जागा रहली पहली बार
रहली बुन्देली महोत्सव में बुन्देली शौर्य का कला सूर्य चमका
म० प्र० ,
श्रीम कत्थक पीठ जबलपुर के कलाकारों की नृत्य प्रार्थना ^रहली
पहली बार^ में सूर्य मंदिर मूर्तियों के उजास भरे रहस्य दर्शाकों के मन जगा गए \
सुनार देहार संगम पर रहली बुन्देली महोत्सव में श्रीम कत्थक पीठ के नृत्यों ने
सूर्या मंदिर के नाद सौंदर्य को मुद्राओं में उतारते हुए रहली के अंतरिक्ष में वैसी
रहल का होना बताया जिसमें पवित्र ग्रन्थ रखे जाते हैं\ उमेश वैद्य के मोनिया नृत्य
का अहीर हवा में कूदते थिरकते मंदिर की कई मुद्राओं की सृष्टि करके दर्शकों को मस्त
कर गया अहीर नृत्य में कालिया मर्दन और रामायण के प्रयोग लोगो को भूब भाये |प्रदेश
के----------- मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने सूर्य मंदिर के चरणों में इस जगमगाते
कार्यक्रम का दीप् जलाया उद्घाटक व विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार भोपाल से द वीक के
ब्यूरो दीपक तिवारी ने नृत्य प्रार्थना की म्यूजिक साईक को आमंत्रित किया\ दर्शकों
की भारी संख्या बीच में थिरकती सुनार की चूनर उसमे टंकण करते घुंघरूं और रुचती हुई
मूर्तियों की इबारत-- मंजर ऐसा की राह चलते अपलक रुक जाएँ \गणेश वंदन हनुमान चालीसा
शम्भो महादेव नृत्य जब दर्शकों को मस्त कर गए वहीँ गंगा की करून प्रार्थना में
दर्शक बेहाल हुए \मन मस्तिष्क संगीत नृत्य की साइक पर नृत्य प्रार्थना कर रहा हो तो
प्राचीन मंदिर वर्तमान में मंच पर वरदान बनकर जाग सकता है अपने पूरे नाद के साथ ऐसा
भान देने में सफल रहा श्रीम कत्थक पीठ का रहली बार\ मंच और नृत्य में रहली को
संस्कृत के आदि नाद के रहने की जगह बताते हुए मंदिर की कला शब्द नृत्य संगीत से
उजागर की गई जिसे बेहद सराहते हजारों दर्शकों के बीच वयोवृद्ध स्वतंत्रता संग्राम
सेनानी महादेव प्रसाद तिवारी के सम्मान के क्षणों में आयोजक अंकेश हजारी के साथ नगर
पालिका अध्यक्ष सौरभ हजारी, विशिष्ट अतिथि जीवन पटेल और गांवों के बुन्देली कला
प्रेमी उपस्थित थे\ दर्शक प्रस्तुतियों पर जय श्रीराम और जय श्रीकृष्ण के नारे लगाते
हुए आनंदित हुए\ श्रीमती स्वाति मोदी तिवारी की अनूठी नृत्य प्रार्थना को आत्मसात
करते हुए लोगों ने जाना की संगीत मन बना सकता है और उसकी चमक मंच पर आती है|
मध्य प्रदेश के पुराने मंदिरों से निकलती मनोध्वनियों एक म्यूजिकल साईक का निर्माण
करती हैं और दमोह इसमें खास है इस पर केंद्रित श्रीम कथक पीठ द्वारा साइको म्यूजिकल
उकार नर्तनी की प्रस्तुति दमोह के बुन्देली महोत्सव में की गई जिसमें कत्थक
नृत्यांगना श्रीमती स्वाति मोदी तिवारी के निर्देशन में प्रस्तर सौन्द्र्यसम्पन्न
नृत्य प्रस्तुतियाँ हुई \चित्रांगना अग्रवाल केतकी,बुलबुल दास वीरेन्द्र आकाश इशु
पटेल तनिष्का उपाध्याय वंदना श्रीवास्तव शाम्भवी सिंह,सृष्टि पाटिल,वैष्णवी
बुधवानी-साहू,रक्षंदा पटेल अपेक्षा मल्लाह आदि इस साइको म्युजिकल में झंकार पिरोई |
(२२-२ २०१२) श्रीमती स्वाति मोदी तिवारी के निर्देशन में म०प्र० की मनोनादी मूर्तियों पर केंद्रित नृत्य प्रस्तुति उकार नंदिनी की आकर्षक प्रस्तुति में एक्स्प्रेशन यानि वाणी की उकार शक्ति पर केंद्रित नृत्य में बोलीं दमोह् के आसपास की मूर्तियां खोले अब तक होने के शाश्वत राज और इन क्षणों को सार्थक किया कलाकार वीरेन्द्र सिद्ध् राऊ अपेक्षा मल्लाह मोक्ष् धारा शर्मा,खेमेंद्र विश्वकर्मा,इशु,आकाश पटेल आदि जो श्रीम के नाद नर्तक बने जबलपुर के नर्मदा तट के नादघना मंदिरों का सम्बन्ध दमोह के नादमना मंदिरों से जोड़ते हुए श्रीम कत्थक पीठ के कलाकारों ने बीते सप्ताह रहली बुन्देली सूर्य मंदिर और दमोह के बुन्देली महोत्सव में साइकोम्यूजिकल नृत्य उकार नर्तनी के अंतर्गत संगीतमय अभंग,गंगा आरती हनुमान चालीसा,नर्मदा शरन्ये,तराना कृष्ण रास की जगमगाती प्रस्तुतियाँ देकर अमित छाप छोड़ी \ कत्थक नृत्यांगना श्रीमती स्वाति मोदी तिवारी के निर्देशन में हुई प्रस्तुयियों में सूरज की किरणों का शहद दुहनेवाली मूर्तियों का नाद सौंदर्य नृत्य में जागा \मंच सञ्चालन परेश तिवारी ने किया लक्षिता शुक्ला ने तराना ठुमरी द्प्रस्तुत की \ प्राचीन और दिव्या संदेशों भरी मूर्तिकला के इतिहास में जबलपुर की सशक्त दावेदारी बताने वाली इन नृत्य प्रस्तुतियों में बुन्देली शौर्य की बूँद,बोली की मिठास और दमोह के लोगों के ^वो जाता है की जगह ^ऊ* जात यानि थर्ड पर्सन को ऊ बोलना किस शिल्प के कारन होता है जैसी खोजपरक जानकारियां दी गयीं जिनमें जबलपुर के नार्मदातट का हवाला था \इन महोत्सवों में रहली में गोपाल भार्गव, वरिष्ठ पत्रकार द वीक ब्यूरो दीपक तिवारी, दमोह में श्री जयंत मलैया के साथ अपर जन समूह ने मंच से उठती नृत्य किरणों मे मन अवगाहन किया |
By: Paresh Tiwari
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