आठवां राष्ट्रीय मीडिया संवाद - स्थान : इटारसी के पास सुखतवा , तारीख : 29, 30 जून और 1 जुलाई तक २०१३
आठवां राष्ट्रीय मीडिया संवाद
29 जून से 1 जुलाई तक तीन दिन के इस आयोजन में हम संवैधानिक, संविधानेत्तर संस्थाएं और मीडिया पर चर्चा करेंगे। सुखतवा के पास ही है केसला। फिर नजदीक में तवा बांध भी बना है, जिसके सीपेज से आसपास के गांवों की मिट्टी खराब हो रही है। किसान परेशान हैं। मध्यप्रदेश सरकार का आदर्श पुनर्वास स्थल धाई गांव पास में ही है। बोरी अभयारण्य के विस्थापितों के इस गांव में आदर्श पुनर्वास का जमीनी जायजा लिया जाएगा। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री इटारसी के टेस्ट रेंज में तोप के गोलों को बीनते हुए अपने अंग गंवा बैठे और जान से हाथ धोने वाले लोगों की विधवाओं की स्थिति भी देख सकेंगे।
विषय के साथ ये कुछ ऐसे जमीनी सवाल हैं, जो हमारे आपके जीवन की भागमभाग में कहीं पीछे छूट रहे हैं। इन पर भी बात होगी। जवाब तलाशने की कोशिश की जाएगी। प्रतिवर्ष हम मार्च-अप्रैल में यह आयोजन करते रहे हैं। लेकिन कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव और मीडिया के साथियों की व्यस्तताओं के कारण इसे जून के आखिर में तय किया गया है।
इस वर्ष आठवे रास्ट्रीय मीडिया संवाद के तीन दिवसीय सेमिनार में देश के जाने - माने पर्यावरण विद एवं लेखक श्री अनुपम मिश्र ( तालाबो के एक्सपर्ट ) नई दिल्ली ,पी. साईनाथ वरिष्ट पत्रकार ,रजनी बख्सी लेखिका ,अन्नू आनन्द, भोपाल उच्च न्यायालय में भोजन के अधिकार के सलाहकार व लेखक सचिन जैन, श्री देवेन्द्र शर्मा ( कृषि विशेषज्ञ,लेखक दिल्ली ),श्री सुधीर कुमार सरकारी नीतियों के विशेषज्ञ लखनऊ, श्री पियूष बबेले (इंडिया टुडे ),प्रशांत दुबे आर. टी.आई. कार्यकर्ता भोपाल और देश के विभिन्न हिस्सों से बड़े पत्रकार, लेखक शामिल हो रहे है |
हाल ही में उत्तराखंड में आई प्रकृति की त्रासदी के मूल कारण पर्यावरण से किये गए खिलवाड़ पर भी मीडिया संवाद में चर्चा के साथ – साथ देश भर में नदियों पर बनाये जा रहे बड़े बांधो ,वनों के कटान और पहाड़ो के खनन पर लेखक अपने विचार केन्द्रित करेगे |
मालूम हो कि कैग ने तीन साल पहले ही केंद्र और राज्य सरकार को उत्तराखंड के इको सिस्टम के बिगड़ने की रिपोर्ट दे दी थी l बावजूद इसके सरकार ने कैग की रिपोर्ट को अनदेखा किया जिसके चलते नदियों ने ये तांडव मचाया और हजारो की जाने गई | संवाद में बुंदेलखंड के लिए भी प्रस्तावित केन – बेतवा लिंक और अर्जुन सहायक परियोजना पर पुनः विचार करने पर बहस की जाएगी और यहाँ के ज़मीनी मुद्दों से लोगो को अवगत कराया जायेगा |
By : आशीष सागर
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