(कविता "Poem") हमीरपुर काण्ड (एक और निर्भया) उत्तर प्रदेश सरकार को धिक्कारती हुई एक और निर्भया को न्याय दिलाने हेतु
हमीरपुर काण्ड (एक और निर्भया) उत्तर प्रदेश सरकार को धिक्कारती हुई एक और निर्भया को न्याय दिलाने हेतु
यमन सीरिया जैसे हैं हालात हमारी यू.पी. में,
गीदड़ स्वान मचाते हैं उत्पात हमारी यू.पी. में,
माँ बहनों से छेड़ छाड़ वाली घटनाएँ आम हुईं,
नेता जी के चमचों से फिरसे यू.पी. बदनाम हुई,
चोर उचक्के गुंडे और लफ्फाज बढ़े हैं यू.पी में,
अपराधों की दुनिया के सरताज बढ़े हैं यू.पी. में,
महिलाओं को यहाँ कागजों में शशक्त बताते हैं,
खुद को आप लोहिया जी का सच्चा भक्त बताते हैं,
किन्तु हकीकत क्या है सबने आज दीख ली नेता जी,
घटना से 'बिवांर' की सबने, बड़ी, सीख ली नेता जी,
देख लिए सूबे ने आपके सब हथकण्डे नेता जी,
छुटभैये तक पाले बैठे घर में गुण्डे नेता जी,
पत्रकार भी नहीं सुरक्षित यहाँ छात्र भी नहीं सुरक्षित,
और बात सच कहने वाले यहाँ पात्र भी नहीं सुरक्षित,
वो भी रहते मौन यहाँ पर जिनके तन पे वर्दी है ?
अपराधी के संरक्षण की उनने भी हद कर दी है,
भूल गये कर्तव्य यहाँ पर वो भी अपनी खाकी के,
रूप वहाँ पर दिखलाने वो लगे कई चालाकी के,
मगर कन्या की हत्या से जब भी यहाँ अशान्ति हुई,
तब तब भारत देश में सत्ता हनक सुधारक क्रान्ति हुई,
एक रोहिणी की वाणी से सूर्य कंस का अस्त हुआ,
और दामिनी निर्भया से दिल्ली का शाशन ध्वस्त हुआ,
ये यू.पी. का सिंहासन भी 'स्वीकृति' का हत्यारा है,
इसने भी सत्ता के मद में इक लड़की को मारा है,
यही 'स्वीकृति' तुम्हें खून के आँसू स्वयं रुला देगी,
जलकर चली गयी है पर तेरा साम्राज्य जला देगी,
आप जब भी चाहे मुझे संपर्क कर सकते है ..ये सामाजिक विकृति है जिसको समाज ही नष्ट कर सकता है ...
By: Chetan Nitin