(History And Culture) Rock Art Photos
History And Culture : Rock Art Photos
शिलाओं
पर कला
मानवीय
प्रजाति
कितनी
प्राचीन है?
वस्तुत: यह बताना तो बहुत कठिन है क्योंकि यहां तक कि विज्ञान के दिग्गज भी कई शताब्दियों से इस प्रश्न का उत्तर खोज रहे हैं तो भी वे सही उत्तर देने की स्थिति में नहीं है। यह बहुत कठिन है।
इस सम्बन्ध में बड़े-बड़े विद्वानों में मतभेद है। कुछ ऐसा मानते हैं कि ५,००,००० वर्ष पूर्व भी मनुष्य मौजूद था तो कुछ का कहना यह है कि उनके पास इस पृथ्वी पर ४०,००० वर्ष पूर्व मनुष्य की उपस्थिति के प्रमाण है।
वैज्ञानिक ही नहीं पुरातत्वज्ञ, प्राणि विज्ञानी, नृविज्ञानी तथा कई अन्य इस प्रश्न की तलाश करने और अतीत के साथ मनुष्य का सम्बन्ध ढूंढने में लगे हुए हैं। ये लोग मनुष्य के इतिहास की खोज निकालने के लिए क्या करते हैं? इस विषय पर कोई पुस्तकें अथवा अलिखित प्रलेख उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि उन दिनों न कागज था, न कोई भाषा थी और न कोई लिपि थी। आइए पहले हम अतीत में झांकने और अपने पूर्वजों के व्यवहार तथा जीवनशैली की कल्पना करने का प्रयास करें।
संभवत: भोजन और पानी, आवास और संतानोत्पत्ति के बाद मनुष्य की सबसे पुरानी आवश्यकता स्वयं को व्यक्त करने की थी। भाषा की उत्पत्ति से पूर्व वह अपनी बात कहने के लिए अपने गले से कण्ठ्य ध्वनियां निकालता था अथवा संकेतों और प्रतीकों का प्रयोग किया करता होगा। लेकिन यह काफी नहीं था।
प्रकृति मनुष्य की पहली गुरु थी। प्रकृति ने उसके भीतर अपने लिए भय, आदर और प्रेम उत्पन्न किया और उसे यह शिक्षा दी कि जीवन में आगे कैसे बढ़ा जाता है? आज अच्छा अथवा बुरा, समझदार अथवा मूर्ख जैसा भी वह है, उसके मूल में प्रकृति ही है। ..[..] Read more
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Source : Indira Gandhi National Center For The Arts
Courtesy : Tdil.mit.gov.in
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