(News) तेलंगाना तथा बुंदेलखंड मुद्दे का हल न्याय-संगत हो : संजय पाण्डेय
तेलंगाना तथा बुंदेलखंड मुद्दे का हल न्याय-संगत हो : संजय पाण्डेय
वर्तमान
में राज्यों का पुनर्गठन एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है विशेषकर तेलंगाना प्रकरण के
बाद देश में कई इलाको से अलग सूबों की मांग जोर पकड़ रही है। ऐसे में केंद्र सरकार
को इस धर्म संकट से निकलना भी एक बहुत बड़ी चुनौती होगी कि वो किस राज्य की मांग का
समर्थन करे और किसको नामंजूर ? हालाँकि यह सच्चाई है कि आज देश में राज्यों के
पुनर्गठन की जरूरत है क्योकि तीव्र जनसँख्या वृद्धि के चलते जैसे जैसे राज्यों का
आकार बड़ा हो रहा है वैसे वैसे प्रशासनिक दक्षता और विकास दर में कमी आ रही है।
बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी के संयोजक संजय पाण्डेय ने कहा कि लग रहा है कि केंद्र
सरकार अपना राजनीतिक नफा-नुकसान देखकर राज्यों के गठन पर विचार कर सकती है. किन्तु
सरकार को अपना स्वार्थ न देख, राज्य निर्माण के औचित्य, जनभावना और अपरिहार्यता को
देख निर्णय ले लेना चाहिये. यद्यपि देश में कई प्रान्तों के गठन की मांग चल रही है
किन्तु बुंदेलखंड, तेलंगाना तथा विदर्भ जैसे इलाके वास्तव में प्रान्त बनाये जाने
की पात्रता रखते हैं .आजादी के बाद से ही उपेक्षित पड़े इन अति पिछड़े क्षेत्रो को आज
केन्द्रित विकास की दरकार है जो कि पृथक प्रान्त बनाये जाने पर निश्चित रूप से संभव
होगा. पर कुछ राज्यों की मांग देखा देखी तथा होड़ में आकर उठने लगी है उनपर सरकार
को तटस्थ रहना होगा. जैसे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अपने आप में संपन्न क्षेत्र है
इसलिए इसका अलग राज्य बनाया जाना अनिवार्य नहीं है इसे टाला जाना चाहिये. इतना जरूर
है की जिन क्षेत्रों की मांग सरकार ठुकराएगी वहां का जनमत सरकार के खिलाफ हो सकता
है लेकिन सरकार को यह न देखते हुए अपनी मजबूत इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए उचित
मांगों पर ही विचार करना चाहिये. हाँ, अब औचित्य पूर्ण राज्यों के गठन में आनाकानी
भी नहीं करना चाहिये.
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