डॉ. राहुल मिश्र द्वारा राधाकृष्ण बुंदेली स्मृति-पत्रिका का प्रकाशन 25 मार्च, 2014 को

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राधाकृष्ण बुंदेली स्मृति-पत्रिका

प्रतिष्ठा में,

मान्यवर,

इस पत्र के माध्यम से अवगत कराना चाहते हैं कि बुंदेलखंड के जाने-माने इतिहासकार, साहित्यकार एवं समाजसेवी राधाकृष्ण बुंदेली के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को प्रकाश में लाने और उनके द्वारा की गई बुंदेलखंड की सेवा के प्रति आभार प्रकट करने के उद्देश्य से राधाकृष्ण बुंदेली स्मृति समिति ने स्मरण : राधाकृष्ण बुंदेली, नामक स्मृति-पत्रिका के प्रकाशन की योजना बनाई है। इस पत्रिका का विमोचन राधाकृष्ण बुंदेली की प्रथम पुण्यतिथि पर दिनांक 25 मार्च, 2014 करने की योजना है।

राधाकृष्ण बुंदेली बुंदेलखंड के ऐसे समर्पित इतिहासकार, साहित्यकार और पुरात्त्वविद् थे, जिन्होंने बुंदेलखंड की सेवा जीवन-पर्यंत निष्काम भाव से की और बुंदेली लोककला, लोकसंस्कृति व पहचान को संरक्षित रखने के लिए अनथक प्रयास किए। उन्होंने विश्वप्रसिद्ध कालंजर दुर्ग पर लंबी फिल्म का निर्माण उन दिनों किया, जब बाँदा जैसे पिछड़े क्षेत्र में संसाधनों का नितांत अभाव हुआ करता था। इसके अतिरिक्त पाठा और तिरहार क्षेत्र के दुर्गम स्थानों सहित समूचे बुंदेलखंड परिक्षेत्र में बिखरी पड़ी ऐतिहासिक महत्त्व की धरोहरों को खोजने और उनके माध्यम से बुंदेलखंड के इतिहास को लिपिबद्ध करने का अपूर्व-अनुपम कार्य किया राधाकृष्ण बुंदेली द्वारा बुंदेली बोली-बानी में लिखा गया साहित्य बुंदेलखंड की उस तसवीर को पेश करता है, जिसमें सच्चे बुंदेलखंड को बहुत करीब से देखा जा सकता है। । ज्ञान-विज्ञान के विविध क्षेत्रों में अपनी सशक्त पकड़ रखने वाले बुंदेली जी ने साहित्य की विविध विधाओं, जैसे कविता, कहानी, उपन्यास आदि का सृजन करके हिंदी साहित्य में बुंदेलखंड की तासीर को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। बुंदेलखंड के इतिहास, संस्कृति और बुंदेलखंड को पहचान देने के लिए किए गए कार्यों के साथ ही साहित्य-सर्जना के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों को प्रकाश में लाने से समाज को अपनी पहचान और अपनी संस्कृति को सुरक्षित रखने, संरक्षित करने की प्रेरणा मिलेगी और हिंदी साहित्य को विस्तार मिलेगा। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के स्मरण को प्रेरणास्रोत बनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसी उद्देश्य को केंद्र में रखकर स्मरण : राधाकृष्ण बुंदेली पत्रिका के प्रकाशित किए जाने की योजना है। हमारे इस प्रयास के लिए आपका आशीर्वाद और सहयोग अपेक्षित है।

अस्तु, अनुरोध है कि पत्रिका हेतु अपने आशीर्वचन प्रदान करने का कष्ट करें। चूँकि समय का अभाव है, अतः संभव हो सके तो ई-मेल के माध्यम से संदेश प्रेषित करने की कृपा करें।

सादर, सम्मान

By : डॉ. राहुल मिश्र