(PHOTO) "साहेब बचा लेया हमें,भूखन मरत हैं"

मुरझायी आंखों में दिखा उजड़ा बुंदेलखंड


बांदा/महोबा/हमीरपुर/उरई। बैरीकेडिंग के उस पार फटे-मैले चिथड़ों में कंकाल सरीखे सैकड़ों जीर्ण-शीर्ण शरीर खड़े थे। सूखे की तपिश से झुलसे चेहरे और मुरझायी आंखें उम्मीदों का दामन थामे थीं। और बैरीकेडिंग के इस पार धवल कुर्जा-पायजामा और गुलाबी चेहरे पर जगमगाते आभामंडल के साथ थे कांग्रेस के महासचिव और जनता के 'युवराज' राहुल गांधी। लोग अपने दुलारे नेता को बहुत कुछ बताने आये थे, अपना दर्द सुनाना चाहते थे। राहुल भी हालात समझने आये थे। एसपीजी ने भीड़ से दूर रहने की बार-बार ताकीद की, लेकिन राहुल कहां मानने वाले थे। दर्द महसूस करने को सुरक्षा घेरा तोड़ा और लपककर किसी का हाथ पकड़ा तो किसी के कंधे पर हाथ रखकर हालात पूछे। बेहाल-परेशान लोग बहुत कुछ बताना चाहते थे, लेकिन जुबान का साथ नहीं मिला। अलबत्ता मुरझायी आंखों से अश्कों की धारा उमड़ने लगी। झुलसे चेहरे टकटकी लगाकर राहुल की आंखों में झांकते रहे। इतना कुछ बहुत था, राहुल ने बगैर संवाद किये सब कुछ जान लिया था। विकट हालात समझने के बाद राहुल की पलकें भी भीग गयीं, लेकिन उन्होंने तुरंत खुद को संभाला। वादा किया कि दिल्ली लौटते ही प्रधानमंत्री तथा केंद्र सरकार को उजाड़ हुए बुंदेलखंड की त्रासदी सुनाऊंगा। कोशिश होगी कि यहां के लोगों के दिन बहुरें। अंत में राहुल ने कहा कि वह खुद चाहते हैं कि बुंदेलखंड पृथक राज्य बने, इस वास्ते पार्टी में प्रस्ताव विचाराधीन है।

राहुल गांधी तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक सबसे पहले पहुंचे महोबा जनपद के श्रीनगर में। यहां हजारों लोग उनका दीदार करने को बेसब्री थे। आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवाएं और बेटे-बेटियां साहूकारों और कर्ज बांटने वाली सरकारी एजेंसियों की कारस्तानी बताने को जुटी थीं। भीड़ देखकर राहुल यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों से हालचाल पूछना चाहते थे, लेकिन आयोजकों की नादानी ने उनका मिजाज उखड़ गया। न तो बैठने का इंतजाम था, न माइक बगैरह। चेहरे पर खिन्नता साफ दिखी, लेकिन कांग्रेस महासचिव ने महिलाओं के बीच पहुंचकर राशन कार्ड और जॉब कार्ड के बारे में सवाल किये। इसके बाद बैरीकेडिंग के सहारे चलते हुए कुछ लोगों से खेती-बाड़ी के बारे में समझा। तमाम के बोल नहीं फूटे, बाकियों ने एक ही जवाब दिया कि सूखे ने बर्बाद कर दिया। अव्यवस्था से नाराज राहुल यहां के एक घंटे के कार्यक्रम को तीस मिनट में निबटाकर बांदा के लिए निकल दिये।

दूसरे पड़ाव यानी बांदा के माधौपुर गांव में सही मायनों में बुंदेलखंड की त्रासदी नजर आयी। दर्जनों कर्जदार किसानों की मौत के गवाह पंडुई गांव के पड़ोसी माधौपुर गांव के बाहर आस-पास के दर्जनों मजरों के सैकड़ों फटेहाल किसान नंगे पैर भागते राहुल को अपने उजाड़ खेत दिखाने पहुंचे थे। सूखे से स्याह हुए चेहरों ने कर्ज और सूखे से बदहाली बताना शुरू किया तो राहुल को स्थानीय भाषा समझने में दिक्कत हुई, लेकिन वृद्ध किसानों और जर्जर काया वाली महिलाओं की आंखों से लुढ़कते अश्क देखकर उन्होंने पूरा माजरा समझ लिया। मुफलिसों से केंद्र की राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के बारे में सवाल किया। जवाब मिला बीते दो साल से लोगों को काम नहीं मिला।

यहां लोगों का दर्द महसूस करने के बाद राहुल ने वादा किया कि स्थानीय समस्याएं क्षेत्रीय कांग्रेस निबटायेंगे, जबकि बड़ी समस्याओं के निदान के लिए खुद पैरवी करूंगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अपनी आंखों से बुंदेलखंड की बदहाली देखने के बाद दिल्ली लौटते ही प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से बात करूंगा और यथासंभव मदद दिलाने का प्रयास भी। बांदा के बाद हमीरपुर पहुंचे राहुल ने पुरैनी गांव में लोगों के ज्ञापन बटोरे। यहां भी स्थानीय भाषा को राहुल कायदे से समझ नहीं सके, फिर भी चेहरे और आंखों को पढ़ने का बखूबी प्रयास किया और सफल भी रहे। बिलगांव की महिला ने एक ठेकेदार की शिकायत दर्ज करायी तो राहुल ने चौधरी राजेंद्र सिंह से मामला समझने के लिए कहा। कुछ लोगों ने सूखे की समस्या बताने के बजाय विकलांग प्रमाण पत्र और पेंशन की गुहार लगायी। अंत में राहुल तीन बजकर दस मिनट पर पहुंचे उरई के सिकरी व्यास गांव में, जहां के लोग बीते कई दिनों से उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने आधा घंटे में अलग-अलग बैरीकेडिंग में जाकर किसानों, महिलाओं व आम जनता से सलाम-नमस्ते करते रहे। राहुल ने लोगों से सीधा संवाद करने के लिए इस दौरान दिग्विजय सिंह व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा को दूर रखा।

सिकरी व्यास में लोगों से मुलाकात के कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि बुंदेलखंड की बदहाली पर कांग्रेस पार्टी बेहद गंभीर और संवेदनशील है। इसी कारण आज खुद मौके पर आकर हालात को जांचा। उन्होंने कहा कि इसके बाद पार्टी सरकार के सामने सहायता के प्रभावी स्वरूप का प्रस्ताव रखेगी। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने बुंदेलखंड में सूखा राहत के प्रभावी कदम उठाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर डालते हुए इमदाद के लिए सूबाई सरकार को पहल करनी चाहिए।

महोबा, बांदा, हमीरपुर और उरई के हालात समझने के बाद राहुल के बुंदेलखंड दौरे के अंतिम पड़ाव का साक्षी बना जिला झांसी का ग्राम गैराहा। गांव के प्यासे तालाब के निकट सूखे खेत में उनका हेलीकाप्टर उतरा तो किसानों को लगा कि समस्याओं का समाधान करने वाला कोई रहनुमा आया है। किसानों की पीड़ा को भांप कर राहुल भी बिना किसी व्यवधान के आत्मीयता से मिले और योजनाओं की हकीकत को भी जाना। किसानों की पीड़ा से व्यथित राहुल ने एक बार तो सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रखकर बेरीकेडिंग लांघ कर उनके बीच पहुंच कर सीधे संवाद बनाया।

इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर यह संकेत देने में कसर नहीं छोड़ी कि केन्द्र सरकार की योजनाओं में जमीनी स्तर पर गड़बड़ी हुई है। बुंदेलखंड राज्य निर्माण का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण पर विचार चल रहा है, इसके लिए जल्द ही केंद्र सरकार से बात करेगे। उन्होंने किसानों से चर्चा करते समय सवाल उठाये कि राहत राशि जरूरतमंद हाथों तक पहुंच रही है?

Courtesy: Jagran

Comments

bundelkhand k kisano ke dasha ko rahul ghandhi ji k dwara acchi tarah se samjha ja chuka hai yahan par udyog ki dasha bhi bahut kharab hai prathak bundelkhand hone se hi yahaan par kisano aur udyog dhando ki dasha sudhre ja sakte hai aur ye kaam hummare neta manniya Rahul gandhiji hi sambhav kar sakte hain

opps

now bundelkhand is devlop than back.mahoba is in growth

ab kis par vishwas kare jo aata hai boho sirf dhokboha deta hai,Maya sarkar ne sirf park banwaye. Mai chata ho sab taraf se
unatti ho kisaano ko RAHAT CARD bane es Card ka sidha phyada kissano mile Disel me 35% riyate mile yeha dessh
kissano ka hai zameeno ke hisab se limit bane mai Sir sirf service wala ho magar kissan tosirf
kheto par nirbhar hai Rahulji aap socho nahi to ek din aam janta sochne lagagi bus limit is over dil me to bahut kuch hai
baki aap samachdar hai.i

PURSUADE RAHUL GANDHI TO FIGHT NEXT LOK SHABHA ELECTION FROM ANY ONE BUNDELKHAND SEAT. THIS REGION SO FAR HAVE NOT GOT GOOD LEADER AND MAY BE THIS IS THE RIGHT TIME TO INVOLVE SUCH A POTENTIAL LEADER OF CONGRESS. IT IS TRUE THAT M.P GOVT IS NOT DOING ANY THING ANY THING FOR BUNDELKHAND REGION, TO THEM M.P MEANS ONLY BHOPAL AND INDORE. IF YOU WILL SEE THE CONDITION OF CHATARPUR DISTRICT THEN YOU WILL BE FORCED TO BELIVE THAT THIS IS THE ABONDANE REGION BY EVERY GOVT. CRIME AND DRUGS ARE ON PEAK. PREY THAT BJP WILL NOT GET EVEN A SINGLE SEAT FROM THIS REGION THEN ONLY SHIVRAJ SINGH WILL UNDERSTAND THE POWER OF BUNDELKHAND.

as far as this matter of budelkhand is concerned its not just about the bundelkhand which facing such kind of administrative problems in terms of the services provided by the govt. bodies. There is problem in whole system from upper level to lower..And its just a mirror image of the country's deteriorating situation..and I am really very sad while saying that this situation is leading our progressive country to a situation which is really not good...we need a leader whose heart beats only for the country....andno body else, you and I only could be of those kind...

bat agar bundelkhand ki hi kare to sayad bemani hogi,,,,kisan to kisan hai chahe vo bundelkhand k ho ya vidharbh ke,,kya fark padta hai hamare aandatao ki durdsha se..rajnitik swarth ghatiya niti badhti byaj dar petrol disel bijli me kisi bhi prakar ki kisano ko sabsidi n milna unke jivan ko barbad kar raha hai aur ye tathakathit neta apni chir parichit shaili me rajya sarkar ko dosh dene se pichi nahi hatate,KOI INSE Q NAHI PUCHTA KI MAHARASHTRA K VIDHARBH ME KISKI HUKUMAT HAI AUR KITNE SAL SE,,,?INKA KITNA BHI DAURA Q NA HO JAYE HALAT VAHI RAHENGE BAS NAYE CHEHRO KE SATH KUCH AUR AASWASAN JARUR MEDIA ME APNI JAGAH BANA LEGA,,,BAT NIKALEGI TO DUR TALAK JAEGI,,,INSE SAWADHAN RAH KE APNI MANJIL KHUD DUNDHNA HOGA,,,,