''अन्नदाता की आखत ''- एक शाम किसान के नाम! - Charity Show for Farmers
''अन्नदाता की आखत ''- एक शाम किसान के नाम !
सम्मानित प्रबुद्ध जन / साथियों,
बुंदेलखंड में उन्नीसवें सूखे वर्ष 1887 से 2015 से टूटे कुछ मृतक आश्रित किसान परिवार,अनाथ बच्चो के लिए हम एक चैरटी लोककला शो एवं नृत्य महोत्सव करने जा रहे है। इसमे आप के माध्यम से की गई आर्थिक मदद उन किसान परिवारों तक सीधे तौर पर पहुचाने का कार्य किया जायेगा। इस पहल से अगर हम सब बाँदा के कुछ गरीब और जरूरतमंद किसान परिवार,उनकी बेटियों की मदद आपके सहयोग से कर पाए तो ये एक महायज्ञ जैसा ही फलीभूत होगा। आशा है आप हमारे सहभागी बनकर इस अभियान का हिस्सा बनेंगे।
आत्महत्या को क्यों मजबूर है किसान ?
मेरी राय में इसके उत्तर में सोचना चाहिए कि आत्महत्यायें विदर्भ और बुन्देलखण्ड जैसे इलाके में क्यों हुई ? यह भी सोचना चाहिए कि गुजरात और राजस्थान जैसे देश के सबसे कम पानी और अनावृष्टि वाले राज्यों में किसानांे ने कभी आत्महत्या क्यों नहीं की ?
मेरा अनुभव है कि किसानों द्वारा व्यापक आत्महत्यायें वहीं हुईं, जहां जंगल कटे, खनन की अति हुई, चारा नष्ट हुआ और मवेशी घटे। आत्महत्यायें पूरे बुंदेलखण्ड में नहीं हुई। वह सिर्फ खनन और वन माफिया का शिकार बने बांदा, महोबा और चित्रकूट मे ही हुई।
जहां भी पर्याप्त मवेशी और पर्याप्त चारा मौजूद हो, वहां किसानों ने व्यापक आत्महत्यायें के उदाहरण कहीं हो, तो बताइये ? जहां किसान, पहले अपनी घरेलु जरूरत की हर संभव फसल बोने के बाद ही कमर्शियल खेती की सोचता हो, वहां कोई आत्महत्या हुई हो, तो बताइये ?किसान आत्महत्या और सर्वाधिक जल संकट वाला क्षेत्र बुंदेलखंड में गत साल 2005 के बाद से किसानों की आत्महत्या में इजाफा हुआ। कारण परती होती जमीन,जल संकट और लगातार सूखा।आज किसी किसान के पास अपना देशी बीज नही बचा है। उन्हें नपुंसक बीजो के सहारे खेती करने के लिए सरकारी मिशनरी ने मजबूर कर दिया। आंकड़ो पर गौर करे तो यहाँ किसानो के अप्रैल वर्ष 2001 से अप्रैल 2003 तक 1275 किसान,2003 से अप्रैल 2006 तक 1040,2007 से 2010 तक 1351 पोस्टमार्टम हुए जिन्हें खुदकुशी के संदेह में लिया गया। 2011 में 521 आत्महत्याओ की पुष्टि की गई। वही वर्ष 2012 में 300 किसान मरे। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरों के अनुसार वर्ष 2009 में यहां 568, 2010 में 583, 2011 में 519, 2012 में 745, 2013 में 750 और दिसंबर 2014 तक 58 किसान आत्महत्या किए हैं। मौत की फसल अपनी रफ्तार से पक रही है। बीते माह मार्च के बाद से अक्टूबर 2015 तक बुंदेलखंड के सात जिलों में करीब आधा सैकड़ा किसान मरे है सूखती खेती से दुखी होकर! हो सकता है जब ये परचा आप पढ़ रहे हो तब भी किसी एक और किसान के गले में फांसी का फंदा झूल रहा होगा।
कैसे हो किसान, संरक्षित और सक्षम ?
किसान को आत्महत्या से बचाना है, तो उसकी जमीन, मवेशी और चारे को तो बचाना ही होगा। उसे सक्षम बनाना है, तो पहले उस तक बीज, खाद और तकनीक को वाजिब दाम मे पहुंचाना होगा। भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। बाजार की समझ पैदा करनी होगी।
आंकङे बताते हैं कि फल और सब्जियों के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बङा उत्पादक होने के बावजूद, भारत कुपोषित है। यहां कुल उत्पादन की 40 प्रतिशत सब्जियां और फल उपभोक्ता के पास तक पहुंचने से पहले ही बेकार हो जाते हैं। यह स्थिति उलटनी होगी।
यदि गांवों का औद्योगीकरण ही करना है, तो आज भी शुद्धता और कारीगरी के इलाकाई ब्रांड की तरह ख्याति प्राप्त ग्रामोद्योग क्यों नहीं ? खेती और कारीगरी आधारित ये ब्रांड आज भी बाजार में आकर्षण के केन्द्र है। इसके लिए बाहर से उद्योगपति को गांव आने की जरूरत कहां है ? इस काम के लिए खुद किसानों और कारीगरों को क्यों न सक्षम बनाया जाये ?
आयोजन में सहभागी कलाकार साथी -रंगमंच में पारगंत इंद्रवती नाट्य समिति,सीधी,मध्यप्रदेश,राई नृत्य झाँसी टीम,एसीडी स्टूडियो आर्टिस्ट बाँदा,दीवारी रमेश पाल बड़ोखर खुर्द.
संरक्षक - विधायक दलजीत सिंह (तिंदवारी) बाँदा एवं दलजीत सिंह जी
निवेदक-
- श्री अनिल तिवारी (कंपयूटर इंजीनियर लखनऊ),
- निशा गुप्ता (संयोजक एसीडी स्टूडियो,बाँदा),
- मुकुल गुप्ता (इन्फोपार्क),
- संतोष पटेल(संतोष बस सर्विस),
- श्रद्धा निगम,
- आशीष सागर दीक्षित (निदेशक प्रवास सोसाइटी)
- विवेक सिंह कछवाह (एडवोकेट),
- सुनील कुमार सनी (सिंगर/एंकर,आर्टिस्ट),
- शैलेन्द्र श्रीवास्तव नवीन (कांट्रेक्टर),
- कैप्टन सूर्य प्रकाश मिश्रा,
- पंकज रावत (सिंगर/एंकर),
- ब्रजेन्द्र पटेल,
- वीरेंद्र गोयल (सांई इंटरप्राइजेज, कालूं कुआं),
- ब्रजेन्द्र गुप्ता (वन फैमली मार्ट),
- उमेश यादव (बाबा तालाब),
- यशवंत पटेल/सुमनलता पटेल (अध्यापक मोहनपुर,नरैनी)
- मीडियासहयोगी - www.bundelkhand.in ,दैनिक भास्कर न्यूज पोर्टल
- प्रायोजक - आप और समाज के प्रबुद्ध सहयोगीजन
- आयोजक - एसीडी स्टूडियो एवं प्रवास सोसाइटी का साझा अभियान
सहयोग एवं दान हेतु संपर्क नम्बर - 9621287464, 8924998533, 9415557031, 9648454112, 9415497325, 7618877973