(News) केन-बेतवा गठजोड़ से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा
केन-बेतवा गठजोड़ से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा
बांदा। केन-बेतवा गठजोड़ परियोजना में विस्थापित हो रहे परिवारों का पुनर्वास केन्द्र सरकार करेगी। प्रस्तावित दौधन बांध से मध्य प्रदेष के 10 गांव प्रभावित होंगे। जिसमें वन विभाग चार गांवो को विस्थापित करा चुका है। प्रभावित किसानों को मुआवजा राषि दी जाएगी। सूखे की स्थिति में बांध में उपलब्ध पानी का बंटवारा उत्तर प्रदेष और मध्य प्रदेष की सरकारें आपसी सामंजस्य के आधार पर तय करेंगी।
राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाष सिंह कुषवाहा द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दी गयी जानकारी मंे बताया गया कि परियोजना क्षेत्र में बसे जिन किसानों के नाम भूमि नहीं है, जो परिवारों को भी एनआरपी नियमों में वर्णित प्राविधानों के मुताबिक राषि दी जाएगी। विस्थापितो के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और परंपरागत आत्म निर्भरता वाले संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना की व्यापक पर्यावरणीय प्रभाग निर्धारण का काम कृषि वित्त निगम लिमिटेड हैदराबाद द्वारा कराया गया है। परियोजना क्षेत्र में नहरों के विकास में 64.99 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा। दौधन बांध स्थल पर केन नदी में उपलब्ध अतिरिक्त पानी को केन-बेतवा लिंक नहर के जरिए बरूआ सागर जलाषय मेें जोड़ा जाएगा। बेतवा के ऊपरी कछार में मध्य प्रदेष सरकार द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं मंे उपयोग किया जाएगा। यह भी भरोसा दिलाया गया है कि परियोजना लिंक मार्ग के आसपास गांवो, कसबों और नगरों को पीने के पानी का प्राविधान रखा गया है। दौधन बांध से छतरपुर जनपद के सुकवाहा, भरखुवा, घुगरी, बसौंधा, कुपि, दौधन, पैकोहण, खरियानी और मैनारी गांव प्रभावित होंगे।
आषीष सागर
(प्रवास) बुन्देलखण्ड
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