(रिपोर्ट) हत्या या बली | रवीन्द्र व्यास
हत्या या बली
दुनिया भले ही नई सदी में जा रही हो पर बुंदेलखंड इलाके के गाँव आज भी १६ वीं सदी में जी रहे हैं | नवमी के दिन एक आठ साल के बालक की बली चढ़ा दी गई | तीन दिन तक जब उसका कुछ पता नहीं चला तो उसके पिता और परिवार के लोग माता के मंदिर के पंडा पूरन के पास पहुंचे | गाँव के लोगों का विश्वास था की पूरन के सिर पर देवी आती हैं | इस कारण वह जो बताएगा वह सच होगा | अब खेल इस पूरन का था, मौत बली ना लगे इस लिए उसने बताया की शोभा पटेल की मौत जहर खाने से हुई है, आस पास तलाश करो लड़का मिल जायेगा |
बेरखिया पुखरी निवासी देशराज पटेल का पुत्र शोभा माँ महेश्वरी देवी मंदिर में प्रसाद की दुकान लगाता था | घटना वाले दिन भी वह दुकान ही गया था | शाम को ५ बजे वह अचानक दुकान से गायब हो गया था |
छतरपुर जिले की यह कोई अकेली पहली घटना नहीं है इसके पहले भी इस तरह के कई मामले हो चूके हैं | कभी धन की लालच में तो कभी दिव्य शक्तिओं को पाने के लिए तो कभी पुत्र प्राप्ति के लिए इस तरह के मामले सामने आते हैं |
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