(Report) Stop animals violence in Bundelkhand | Banda

Stop animals violence in Bundelkhand | Banda

सेवा में ,
               प्रिय पाठक गन आप भी इस मुहीम में शामिल हो ,आसा है की आप सहयोग  करेगे क्योकि एन बेजुबानो की तरफ से तो कोई बोलने वाला भी नहीं दीखता है शायद ,इंसानों  के आस - पास बहुत शोर और दूरिय है जो उन्हें अपने आप और इन प्रकृति प्रेमी जीवो से खुद ब खुद  दूर करी जा रही है उनकी ही कातिल भरी निगाहों के कारण आएये हम साथ - साथ चले !
 

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जनससूचना अधिकार का खुलासा- प्रेस विज्ञप्ति

उत्तर प्रदेष में पशु वधषालाओं की लाइसेंस क्षमता को ही अगर आधार माना जाये तो हर साल तकरीबन 1 करोड़ पशु कम हो रहे हैं। केरल सरकार के दस्तावेजों के मुताबिक बीते पांच सालों में 46,874 दूध देने वाले पशु कम हुए हैं। मिजोरम में 1.60 फीसदी गायें तो दिल्ली मंे यह आंकड़ा 19.13 फीसदी का है। देष के महज चार ऐसे राज्य हैं जहां पशुधन सन्तुलन में है। मिजोरम में 34,988 गाये व साड़ हैं, जो पिछले सालों की तुलना में 1.60 फीसदी कम हैं। तमिलनाडू में 55,93,485 भैंस हैं, जबकि 16,58,415 गायंे हैं, यह आंकड़ा भी बीते सालों की तुलना में बहुत कम है। दिल्ली में तो गायों की संख्या 38.63 फीसदी कम हुई है। यहां केवल 6539 गायें हैं, जबकि दो लाख तीन हजार भैंस हैं। बिहार में 29,01,442 भैंस और 36,43,322 गायें हैं। कर्नाटक उन सौभाग्यषाली राज्य में सुमार है। जहां गाय और बैल की तदाद में 2.77 तथा भैंस की संख्या में 1.48 फीसदी इजाफा हुआ है, जबकि केरल सरकार के आंकड़े बयान करते हैं, कि वहां 2002 में एक लाख ग्यारह हजार छः सौ पैसठ हजार दुधारू पशु थे, जो 2003 में घटकर 64,618 रह गये। मसलन उत्तर प्रदेष के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक राज्य में केवल 85 पशु कत्लखाने हैं, जबकि पशुधन विभाग के आंकड़े बताते हैं, कि 314 कत्ल खानों को लाइसेंस जारी किया गया है। मांस उत्पादकों और पशु अधिकारों की रक्षा में चलायी जा रही मुहिम “पषुओं का जवाब बनाम पशुओं का हिसाब” के तहत प्रवास स्वयं सेवी संगठन द्वारा जनसूचना अधिकार 2005 को उपयोग मंे लाते हुए आषीष सागर ने 33 दिन पहले नगर पालिका परिषद बांदा से जनपद के अन्तर्गत प्रमुख आठ बिन्दुओं की क्रमवार सूचना मांगी थी। इसमें जो तथ्य उजागर हुये हैं, उनसे यह तो स्पष्ट हो ही जाता है, कि अमानवीय पशु हिंसा का कारोबार ग्लोबल रूप में कितना बड़ा है। सिर्फ बांदा जनपद में ही पिछले चार वर्षों की मांस उत्पादकों से प्राप्त राजस्व कर कमाई 2006-07 में 48,107.00 रूपये, वर्ष 2007-08 में 43,550.00 रूपये, वर्ष 2008-09 में 39,138.00 रूपये, 2009-10 में प्रस्तावित 33,056.00 रूपये है। प्रतिवर्ष 14 लाख 4 हजार मुर्गे और उनके साथ 21 हजार 600 बकरे शहर बांदा में ही हलाल होते हैं। इनसे प्राप्त होने वाली मांस की मात्रा में मुर्गे का मीट (चिकन) 1440 कुन्टल व बकरे का गोष्त 3240 कुन्टल बिकता है। हैरत है कि पिछले छः वर्षों से जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड मंे जहां 75 प्रतिषत गरीब जनसंख्या को 2 वक्त का सामान्य भोजन भी नसीब नहीं होता है। वहीं 25 प्रतिषत एक खास वर्ग का आदमी 18 लाख 72 हजार रूपये मुर्गों पर तथा 28 लाख 80 हजार रूपये बकरों मंे ऊपर खर्च करता है, और यदि कुछ बड़े महीनों की 31 वीं तारीख भी जोड़ दी जाये तो यह बकरों का आंकड़ा 29 लाख के लगभग बैठता है। यानी एक वर्ष में हमारी जुबानों के स्वाद की पूर्ति में 47 लाख 52 हजार रूपये मात्र बांदा शहर में ही खर्च हो जाते हैं।

मांगी गयी सूचनाओं में प्रष्नवार उत्तर जनसूचना अधिकारी नगर पालिका परिषद बांदा एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने इस प्रकार दी है।
प्रष्न.1 पशु कत्लखाना शहर बांदा के किस-किस एरिया में है, जिनका पंजीकरण नगर पालिका परिषद बांदा में है के अलग-अगल नाम, पते सहित पशुओं के नाम, कत्लखाना मालिक का नाम और इनमें काटे जाने वाले पशुओं की एक दिन की संख्या सहित बतायें ?

उत्तर. नगर पालिका परिषद बांदा सीमान्तर्गत बड़े पशुओं (भैंसा), छोटे पशु (बकरा) को काटने हेतु स्लास्टर हाउस संचालित है। जिसमें वर्तमान छः बड़े पशु भैंसा व बकरा मण्डी में 13 बकरे औसतन काटे जा रहे हैं।

प्रष्न.2 शहर के नगरीय व टाउन एरिया में मांस बिक्री के लिये कितने दुकान/व्यक्ति पंजीकृत हैं, प्रत्येक मुहल्ला व टाउन एरिया की संख्या सहित उनमें किन किन पशु-पक्षियों, वन्य जीवों आदि के मांस की बिक्री के लिये स्वीकृति दी गयी है। विधिक अर्हताओं सहित बतायें ?

उत्तर. नगर बांदा बड़े पशु व छोटे पशुओं को काटने और बेचने के लिये सक्षम अधिकारी (नगर स्वास्थ्य अधिकारी बांदा) द्वारा आवष्यक नियमों व शर्तों के अधीन लाइसेंस जारी किया जाता है, तथा आवेदन प्राप्त होेने पर प्रतिवर्ष पुनः लाइसेंस निर्गत होते हैं। वर्ष 2009 से 2010 की सूची क्रमषः संलग्न है।

प्रष्न.3 उपरोक्त कत्लखानों, मांस विक्रय केन्द्रों से कुल कितना राजस्व कर प्राप्त होता है, के विवरण के साथ वर्ष 2006-07, 2007-2008, 2008-09, 2009-10 की अभिलेखीय सूचना दें ?
उत्तर. नगर पालिका में वर्ष 2006-07 से 2009-2010 तक मांस वितक मांस विक्रय केन्द्रों से प्राप्त आय की अभिलेखीय सूचना क्रमषः 48,107.00 रूपये, 43,550.00 रूपये, 39,138.00 रूपये, 33,056.00 रूपये है।

प्रष्न.4 पशु कत्लखानों एवं मांस बिक्री केन्द्रों में पशु-पक्षियों के बचे हुये अपषिष्ट पदार्थ को किस प्रयोग अथवा किस स्थान में, कैसी सावधानी के साथ रखे जाने का प्रावधान है ?
उत्तर. पशु स्लास्टर हाउस एवं मांस बिक्री केन्द्रों के पशु-पक्षियांे के बचे हुए अपषिष्ट को जमीन में दफन कर दिया जाता है। तथा बचे हुये हड्डी व चमड़े को सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा अलग-अलग कर उपभोग किया जाता है।

प्रष्न.5 किन-किन पशु-पक्षियों, जीव जन्तुओं के मांस बिक्री, उनका कत्ल नहीं किये जाने के लिये कानूनी प्रतिबन्ध व हिंसा है ?
उत्तर. नगर पालिका द्वारा भैंसा, बकरा, मुर्गी, मछली के मांस की बिक्री की जा सकती है। इसके अतिरिक्त प्रतिबन्धित व विलुप्त प्राय जीव जन्तु की सूची वन विभाग व पशु पालन विभाग द्वारा जारी की जाती है।

प्रष्न.6 मांस बिक्री व पशु-पक्षी, जानवरों के काटने, बेचने के लिए किन-किन स्थानों, क्षेत्रों में रोक का प्रावधान है की सूचना के साथ उन स्थानों से ऐसे दुकान केन्द्रों की दूरी व बांदा नगर/जिला मुख्यालय में परिषद द्वारा मांस बिक्री केन्द्र आदि के लिये क्या सुविधा/जगह उपलब्ध करायी गयी है ?
उत्तर.
नगर पालिका सीमा के अन्तर्गत जारी किये लाइसेंसी मीट बिक्रेताओं को खाईंपार स्थित स्लास्टर हाउस हाते में स्लाटिंग की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्त पशु-पक्षी काटने की अनुमति नहीं है, एवं मंास विक्रय हेतु पदमाकर चैराहा से जामा मस्जिद तक लाइसेंस जारी किये गये हैं, इसके अतिरिक्त भैंसा मण्डी व बकरा मण्डी में मांस विक्रय हेतु चबूतरे आवंटित है। उक्त दोनों मण्डियां खाईंपार में स्थित हैं।

प्रष्न.7 जनपद में पशु कत्लखानों के बिक्री जिले के अन्दर किये जाने व बाहर बेंचे जाने के लिये अलग-अलग पंजीकृत केन्द्रों की सूची, केन्द्र स्थान, मांस की मात्रा (प्रतिदिन) सहित सूचना दें ?
उत्तर.
जनपद में पंजीकृत स्थल नहीं है, नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी किये गये लाइसेंसी गोष्त विक्रेताओं द्वारा निर्धारित स्थलों पर गोष्त विक्रय किया जाता है।

प्रष्न.8 उपरोक्त कार्य के लिये लाइसेंस प्राप्त करने हेतु पर्यावरण प्रदूषण, कार्बनिक उत्सर्जन मुक्त आदि और कौन-कौन सी अर्हताऐं, मानक पूरी करना आवष्यक हैं कि सूचना दें?
उत्तर. उपरोक्त कार्य के लिये नगर पालिका अधिनियम 1916 में जारी नियम उपबन्धों नियम व शर्तों के अन्तर्गत लाइसेंस जारी किये जाते है। पर्यावरण प्रदूषण, कार्बनिक उत्सर्जन मुक्त आदि के मानक के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभाग से सूचना प्राप्त करें।

आषीष ने बताया कि दिनांक 29 जनवरी 2010 को शहर बांदा में जारी अवैध मांस व्यापार के षिकायत पत्र को ध्यान में लेते हुए जिलाधिकारी बांदा ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर पालिका परिषद बांदा को निर्देषित करते हुए अवैध मांस व्यापार पर तत्काल कार्यवाही करने का आदेष दिया है, जिसकी प्रति उन्हे प्राप्त हुयी है। पूरे उत्तर प्रदेष की नगर पालिका परिषद से जनसूचना अधिकार के तहत आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं। जिससे यह अभियान जैव सम्पदा के संरक्षण में सफल हो सके।

आपका अनुज
आशीष सागर , प्रवास सोसाइटी,
बुंदेलखंड , जनपद - बांदा ( उत्तर प्रदेश )