(Story) स्टोनक्रेसर का विरोध किया जो जान पर बन आई मंगल सिंह की
स्टोनक्रेसर का विरोध किया जो जान पर बन आई मंगल सिंह की
बाॅदा 30 अगस्त। बुन्देलखण्ड की तवाही का पैगाम देने वाले यहां की
पंाकृतिक सम्पदा के लुटेरों की चुनौती अब बरगद (बुन्देलखण्ड रिषसर्च ग्रुप फार
डवलपमेन्ट) स्वीकार करेगा। किसानों और मजदूरों के साथ मिल कर उन लुटेरों के खिलाफ
सेगठित संघर्श किया जायगा।
ग्रेनाइट पत्थर की खदानों, स्टोन क्रेसर, तथा नदियों से बालू खनन के नाम पर एसे
तमाम संगठित लुटेरों नें व्यवसाय के नाम पर बुन्देलखण्ड के पर्यावरण को नश्ट कर यहां
के मौसम को पूरी तरह से बदल दिया है। जिसकी वजह से सूखा और बाढ़ यहो की नियति बन गयी
है। किसानों के खेतों को भी बिना किसी मुआवजे के यह लुटेरे बरबाद करनें में भी जरा
सी हिचक महसूस नहीं करते।
यही नहीं सूखे और बाढ़ से तवाह किसानों को सरकारें यदि कुझ राहत देनें का प्रयास भी
करती हैं तो यह लुटेरे पैसे के बल पर बनी अपनी पहुंच के जरिए ऐसी परियाजनाओं में भी
व्यवधान पैदा कर उन्हें रोक देते हैं। ठन लुटेरों के धन बल से प्रभावित साषन और
प्रसाषन भी आम मजदूर किसान के खिलाफ इन्हीं लुटेरों के साथ खड़ा नजर आता है।
जान बचाता घूम रहा मंगल सिंह
ऐसे
में कोई भी व्यथित व्यक्ति उनके खिलाफ आवाज उठानें का साहस नहीं कर पाता, और यदि
किसी ने आवाज उठाई भी तो उस आवाज को हमेष हमेष केलिए बन्द कर दिया जाता है। मंगल
सिंह की जान पर मण्डरा रहा जान का खतरा ऐसी ही आवाजों का एक जीता जागता उदाहरण हैं
मंगल सिंह। जिला प्रसाषन महोबा और कबरई की स्टोनक्रेसर्ष आनर्ष एसोषिएषन जिनकी जान
के दुश्मन हो गए हैं।
अर्जुन सहायक परियोजना के अन्तरगत बनने वाले कबरई बांध के निमार्ण में हो रहे
विलम्ब की जानकारी ग्राम विषाल नगर, कबरई जिला महोबा के मंगल सिंह नें सूचना के
अधिकार के तहत अधिषाशी अभियन्ता मौदहा बाॅध निमार्ण खण्ड प्रथम से सूचना मांग ली।
जिसमें उन्हें बताया गया कि कबरई बाॅध के डूब क्षेत्र में ग्यारह स्टोनक्रेसर चल रहे
हैं, और चार पहाड़ों पर खनन कार्य जारी है। जिसकी वजह से बाॅध निमार्ण कार्य वाधित
हो रहा है। उन्हें यह भी बताया गया कि खनन और क्रसिंग कार्य बन्द करानें के लिए जिला
खनिज अधिकरी के साथ निरन्तर पत्र व्यवहार किए जा रहे हैं।
बाॅध निमार्ण में बाधा बनें पत्थर खदानों और स्टोनक्रेसर की भी खोजखबर मंगल सिंह
नें प्रारम्भ की तो उन्हें बताया गया कि केवल महोबा जिले और केवल कबरई में ही दो सौ
से अधिक यह पहाड़ चबानें वाले क्रेसर काम कर रहे हैं। जिनमें 42 के पास तो खनन विभाग
और पर्यावररण नियन्त्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही नहीं है।
किसी भी एक मषीन में मानकों के अनुरुप किसानों के खेतो बरबाद करनें वाली उड़ रही धूल
को रोकनें केलिए पानी के फब्बारे नहीं लगाए गए हैं और नाही पर्यावरण के अन्य कोई
उपाय ही किए गए हैं। कबरई और उसकी आसपास की बस्तियों के बीच के पहाड़ों से भी पूरी
आवादी को खतरे में डाल कर पत्थर तोड़े जा रहे हैं।
मंगल सिंह नें उत्तर प्रदेष तथा केन्द्र सरकार के जिम्मेदार विभागों को पत्र लिख कर
उक्त आषय की षिकायतें की लेकिन उनका कोई असर नहीं हुआ तो मंगल सिंह नें
उच्चन्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका क्रमांक - 63396/09 दायर किया। उक्त जनहित
याचिका में उच्चन्यायालय के माननीय मुख्यन्यायाधीष द्वारा व्यवस्था दिए जानें के
बाद जिम्मेदार विभागों में हड़कम्प मच गया।
अब जिम्मेदार विभागों की जांच पड़ताल के बाद पत्थर खदान, स्टोनक्रेसर सहित महोबा जिले
के खनिज विभाग को भी परेषानियों का सामना करना पड़ा। जिला खनन अधिकारी महोबा नें
स्टोनक्रेसर मालिकों को मंगल सिंह को रास्ते से हटाने की नसीहत दी। कबरई
स्टोनक्रेसर आनर्स एषोसिएषन की आपात बैठक में मंगल सिंह को साफ करनें का फैसला लिया
गया है।
इस फैसले के बाद मंगल सिंह अपनी जान बचाते घूम रहे हैं। उन्होनों माननीय
उच्चन्यायालय में अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई और अपनी सुरक्षा की मांग याचिका
क्रमांक - 38653/10 के माध्यम से की। जिसमें माननीय उच्चन्यायायलय नें 13‘7‘2010 को
सत्रन्यायालय से सुरक्षा हेतु याचना केलिए निर्देषित किया था।
मंगल सिंह नें दिनांक 5‘8‘2010 को जिला एवं सत्रन्यायालय महोबा में एक विषेश
प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर सुरक्षा दिलवाए जाने की याचना की। जिसमें माननीय
न्यायालय नें दिनांक 6‘8‘2010 को पारित अपने आदेष में पुलिस अधीक्षक महोबा को
निर्देषित किया कि मंगल सिंह को तुरन्त सुरक्षागार्ड उपलब्ध करा दिए जांय, और
कृतकार्यवाही से माननीय न्याययालय को भी अवगत कराया जाय।
लेकिन आज तक मंगल सिंह को नतो किसी प्रकार की सुरक्षा का आष्वाषन ही मिला और न
सुरक्षा ही। यहां तक की माननीय जिला एवं सत्रन्यायाधीष के आदेष को भी पुलिस अधीक्षक
महोबा नें तक में रख दिया है। मंगल सिंह पर अब निरन्तर मौत मण्डरा रही है, और
परिवार के सामनें भुखमरी।
खेतों की तवाही के बाद मंगल सिंह और परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन थी कबरई
थाने के बगल की एक छोटी सी चाय पान की दूकान जो अब निरन्तर मौत से मुकाबिले के कारण
बन्द हो गयी है। इस प्रकार भूख और मौत दोनों ही मंगल सिंह का पीछा कर ही हैं। लेकिन
अब बरगद मंगल सिंह के साथ मिल कर यह लड़ाई लड़ेगा।
ब्रगद के संयोजक अवधेष गौतम ने जिला प्रसाषन महोबा तथा कबरई स्टोनक्रेसर आनर्स
एसोषिएषन को आगाह किया है कि यदि मंगल सिंह व उसके परिवार का बालबांका हुआ तो ईंट
से ईंट बजा दी जायगी।
बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक सम्पदा के लुटेरों के खिलाफ लड़ाई की दीर्घ अवधि की रणनीति
बनानें केलिए आगामी 5 सितम्बर 2010 को महोबा में एक आवष्यक बैठक बुलाई गयी है। जिसमें
इन लुटेरों के खिला संघर्श की रणनीति को अन्तिम रुप दिया जायगा।
--
अवधेष गौतम, संयोजक
आप से एक अपील
सम्मानित साथियो..
जैसा की आप जानते हैं कि बुन्देलखण्ड गत 21 वर्शों से सूखे की मार झेल रहा है। जिससे अब यहां का जीवन ही दूभर हो गया है। बेकारी और भुखमरी का षिकार हो यहां का मजदूर किसान यतो पलायन कर रहा है या फिर आत्महत्याएं कर रहा है। बुन्देलखण्ड के ऐसे हालातों केलिए यहां पर पहाड़ों के तोड़ कर गिट्टी बनानें तथा नदियों से बालू खनन जैसे उद्योग ही हैं। इन दोनो ही तरह के उद्योगों से एक तो बड़े पैमाने पर खेत खराब हो चुके हैं, साथ ही इनसे होने वाले प्रदूशण के कारण यहां का मौसम भी प्रभावित होता है। किसान और मजदूर खड़ा खड़ा अपने खेतों का विनास होते देखता रहता यदि वह अपनी जबान खोलता है तो यातो उसे गोली का निषाना बनना पड़ता है या फिर उसे फर्जी केसों में फंसा दिया जाता है। यदि उसनें पत्थर खदान के खिलाफ आवाज उठाई तो उसे स्टोनक्रेसर में डाल कर पत्थर के साथ पीस दिया जाता है।Mr. Awadhesh Gautam
विषाल नगर, कबरई जिला महोबा के एक किसान हैं मंगल सिंह जिन्हों नें कबरई के
स्टोनक्रसर्स के खिलाफ आवाज उठाई तो अब जिला प्रषासन महोबा और कबरई स्टोनक्रेसर
अनार्स एसोषिएषन उनकी जान के पीझे पड़ गये है।
माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद और सत्रन्यायालय महोबा के स्पश्ठ निर्देषों के बाद भी
जिला प्रषासन महोब मंगल सिंह को सुरक्षा नहीं दे रहा। मंगल सिंह पर आपबीती आप आगे
के पन्नों में देख सकते हैं।
आप सब से अनुरोध है कि पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी महोबा, तथा गृह सचिव उत्तर
प्रदेष व भारत सरकार को अपने स्तर से एक पत्र भेज कर मंगल सिंह की जान बचानें में
में मदद कर बुन्देलखण्ड पर एक उपकार करनें की कृपा करें। इस सन्दर्भ में यदि आप हमें
भी पत्र की एक प्रति भेजेंगे तो हमें भी बल मिलेगा।
सूखे से तवाह बुन्देलखण्ड का किसान बादलों से सूने आसमान और कभी न पूरी होने वाली सरकारी योजनाओं की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है तथा उसकी खोजखबर भी करता रहता है। ऐसे ही एक किसान हैं मंगल सिंह जिनकी खोजखबर के कारण जिला प्रसाषन महोबा और कबरई की स्टोनक्रेसर्ष आनर्ष एसोषिएषन उनकी जान के दुश्मन हो गए हैं।
अर्जुन सहायक परियोजना के अन्तरगत बनने वाले कबरई बांध के निमार्ण में हो रहे विलम्ब की जानकारी ग्राम विषाल नगर, कबरई जिला महोबा के मंगल सिंह नें सूचना के अधिकार के तहत अधिषाशी अभियन्ता मौदहा बाॅध निमार्ण खण्ड प्रथम से सूचना मांग ली।
जिसमें उन्हें बताया गया कि कबरई बाॅध के डूब क्षेत्र में ग्यारह स्टोनक्रेसर चल रहे हैं, और चार पहाड़ों पर खनन कार्य जारी है। जिसकी वजह से बाॅध निमार्ण कार्य वाधित हो रहा है। उन्हें यह भी बताया गया कि खनन और क्रसिंग कार्य बन्द करानें के लिए जिला खनिज अधिकरी के साथ निरन्तर पत्र व्यवहार किए जा रहे हैं।
बाॅध निमार्ण में बाधा बनें पत्थर खदानों और स्टोनक्रेसर की भी खोजखबर मंगल सिंह नें प्रारम्भ की तो उन्हें बताया गया कि केवल महोबा जिले और केवल कबरई में ही दो सौ से अधिक यह पहाड़ चबानें वाले क्रेसर काम कर रहे हैं। जिनमें 42 के पास तो खनन विभाग और पर्यावररण नियन्त्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र ही नहीं है।
किसी भी एक मषीन में मानकों के अनुरुप किसानों के खेतो बरबाद करनें वाली उड़ रही
धूल को रोकनें केलिए पानी के फब्बारे नहीं लगाए गए हैं और नाही पर्यावरण के अन्य
कोई उपाय ही किए गए हैं। कबरई और उसकी आसपास की बस्तियों के बीच के पहाड़ों से भी
पूरी आवादी को खतरे में डाल कर पत्थर तोड़े जा रहे हैं।
मंगल सिंह नें उत्तर प्रदेष तथा केन्द्र सरकार के जिम्मेदार विभागों को पत्र लिख कर
उक्त आषय की षिकायतें की लेकिन उनका कोई असर नहीं हुआ तो मंगल सिंह नें
उच्चन्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका क्रमांक - 63396/09 दायर किया। उक्त जनहित
याचिका में उच्चन्यायालय के माननीय मुख्यन्यायाधीष द्वारा व्यवस्था दिए जानें के
बाद जिम्मेदार विभागों में हड़कम्प मच गया।
अब जिम्मेदार विभागों की जांच पड़ताल के बाद पत्थर खदान, स्टोनक्रेसर सहित महोबा जिले
के खनिज विभाग को भी परेषानियों का सामना करना पड़ा। जिला खनन अधिकारी महोबा नें
स्टोनक्रेसर मालिकों को मंगल सिंह को रास्ते से हटाने की नसीहत दी। कबरई
स्टोनक्रेसर आनर्स एषोसिएषन की आपात बैठक में मंगल सिंह को साफ करनें का फैसला लिया
गया है।
इस फैसले के बाद मंगल सिंह अपनी जान बचाते घूम रहे हैं। उन्होनों माननीय
उच्चन्यायालय में अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई और अपनी सुरक्षा की मांग याचिका
क्रमांक - 38653/10 के माध्यम से की। जिसमें माननीय उच्चन्यायायलय नें 13‘7‘2010 को
सत्रन्यायालय से सुरक्षा हेतु याचना केलिए निर्देषित किया था।
मंगल सिंह नें दिनांक 5‘8‘2010 को जिला एवं सत्रन्यायालय महोबा में एक विषेश
प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर सुरक्षा दिलवाए जाने की याचना की। जिसमें माननीय
न्यायालय नें दिनांक 6‘8‘2010 को पारित अपने आदेष में पुलिस अधीक्षक महोबा को
निर्देषित किया कि मंगल सिंह को तुरन्त सुरक्षागार्ड उपलब्ध करा दिए जांय, और
कृतकार्यवाही से माननीय न्याययालय को भी अवगत कराया जाय।
लेकिन आज तक मंगल सिंह को नतो किसी प्रकार की सुरक्षा का आष्वाषन ही मिला और न सुरक्षा ही। यहां तक की माननीय जिला एवं सत्रन्यायाधीष के आदेष को भी पुलिस अधीक्षक महोबा नें तक में रख दिया है। मंगल सिंह पर अब निरन्तर मौत मण्डरा रही है, और परिवार के सामनें भुखमरी।
खेतों की तवाही के बाद मंगल सिंह और परिवार की आजीविका का एक मात्र साधन थी कबरई थाने के बगल की एक छोटी सी चाय पान की दूकान जो अब निरन्तर मौत से मुकाबिले के कारण बन्द हो गयी है। इस प्रकार भूख और मौत दोनों ही मंगल सिंह का पीछा कर पही हैं।
- Anonymous's blog
- Log in to post comments